कविराज सर्वेश्वर दत्त काण्डपाल की पुण्यतिथि पर विशेष

अनसूया प्रसाद मलासी समौंण की शुरूआत- ‘वन्दना’आद्या शक्ति स्वरूपिणी गढ़वती, गौरी गिरा पावनी।समलंकार स्वरूप रूप अखिला, श्वेतासिता वासिनी।।… के बाद, ‘बीरौ ओलाणु’-ऐरि गरीबि हे दीन मलीनता,कति बड़ा होंदा हाथ गरीबिका।लम्बु … Continue reading कविराज सर्वेश्वर दत्त काण्डपाल की पुण्यतिथि पर विशेष