मुख्यमंत्री बांट रहे नियुक्ति प्रमाण पत्र
नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों के साथ ऐसा खेल!
Big game with unemployed youth in 2024
वर्षों से नौकरियों का इंतजार कर रहे बेरोजगार
गंगा असनोड़ा
उत्तराखंड में सरकारी नौकरी government jobs के नाम पर बेरोजगारों के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी (fraud) हो रही है। कई वर्षों से नियुक्तियों के इंतजार में बैठे बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र के नाम पर देहरादून बुलाकर नियुक्ति प्रमाण पत्र job certificate थमाए जा रहे हैं। कई वर्षों तक नियुक्तियों का इंतजार करने, फिर फार्म भरने के बाद कई-कई कारणों से कभी परीक्षा (competitive exam) तो कभी नियुक्ति ही रद्द (appointment cancelled) हो जाने के बाद अब अपनी योग्यता साबित (to prove one’s ability) कर चुके बेरोजगारों unemployed youth को नियुक्ति पत्र के लंबे इंतजार का सामना भी करना पड़ा है। उसके बावजूद सरकार उन्हें देहरादून बुलाकर सिर्फ प्रमाण पत्र दे रही है, जैसे कहना चाहती हो, कभी न कभी तुम्हें नियुक्ति मिलेगी जरूर! बेरोजगार संघ unemployed union के नेता भी इस मामले पर मौन बैठे हैं।
नियुक्तियों के खेल में हाकम सिंह hakam singh तथा चंदन सिंह मनराल chandan manral जैसे सरकारी नौकरियों के दलालों broker का मामला सामने आने के बाद भी सरकार चेती नहीं है। यहां नौकरी पाना कितनी टेढ़ी खीर है, यह कोई बेरोजगार ही समझ सकता है। नियुक्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित कर रहे आयोग और नियुक्तियां देने का ढोंग (hypocrisy कर रही सरकार युवाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ (messing around कर रहे हैं।
चुनावी शोर मात्र है सरकारी नौकरियां
election noise
चुनाव के दौरान सरकार कई भर्तियां और रिक्तियां निकालने का दावा करती हैं। सरकार और आयोग के भ्रष्टाचार और सांठ-गांठ से इन रिक्तियों (vacancies) को इनका असल हकदार (entitled to) नहीं मिल पाता। योग्य अभ्यर्थी (eligible candidates) भी खुद को ही नाकाबिल (worthless) समझकर हार मान (surrender) लेते हैं।
यहां उत्तराखंड की नौकरियों पर सिलसिलेवार एक नजर डालें, तो पाएंगे कि साल 2020 में यूकेएसएसएससी (uksssc) ने वीडीओ, वीपीडीओ सहित कुछ अन्य विभागों के लिए 854 पदों पर सम्मिलित विज्ञप्ति जारी की। 2021 में पटवारी सहित और भी कई विभागों के लिए रिक्त पदों पर विभिन्न भर्तियां जारी की गई।
दो साल बाद वीडीओ, वीपीडीओ भर्ती लीक मामला सामने आने पर अचानक यह भर्ती रद्द कर दी गई। जुलाई 2023 में दोबारा परीक्षा के बाद परिणाम जारी हुआ और लगभग 1800 बच्चों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया। अब लगभग 885 पदों पर अंतिम परिणाम जारी हुआ है, जबकि अन्य अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
यहां गौरतलब यह है कि इस भर्ती में चयनित कई अभ्यर्थी पटवारी (लेवल-5 ) के पद पर नियुक्ति ले चुके हैं। अतः इनमें से अधिकांश अभ्यर्थी वीडीओ, वीपीडीओ VDO, VPDO (लेवल -4 ) के पद पर नियुक्ति नहीं लेंगे। ऐसा ही वन आरक्षी forest guard और कनिष्ठ सहायक junior clerk में भी हो रहा है।
दरअसल, आयोगों ने अंतिम परिणाम और फिर विभागों ने नियुक्तियां काफी समय तक अपने पास रोक कर रखी, जिससे कई भर्तियों में चयनित अभ्यर्थियों ने सभी जगह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराया और अगली भर्ती में जिन अभ्यर्थियों को मौका मिलना चाहिए था, वे अंतिम रूप से बाहर हो गए।
अगर ये भर्तियां एक सिरे से होती, तो बचे हुए अभ्यर्थी दूसरी भर्ती में चयनित हो जाते, लेकिन वही अभ्यर्थी जो पूर्व में चयनित थे, अन्य में भी चयनित होकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराते रहे और कई पदों पर चयन पा गए। योग्य होने के बावजूद आयोग की गलत कार्यशैली तथा खामियों का खामियाजा उन अभ्यर्थियों को अपनी नौकरी खोकर उठाना पड़ा, जो वरीयता सूची में थोड़ा सा पीछे रहे।
आयोगों की सुस्ती का पता इस बात से भी चलता है कि 2020-21 में जारी भर्तियों में अब तक बेरोजगार अपनी नियुक्तियों का बस इंतजार कर रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड में पीसीएस (uttrakhand pcs) और लोअर पीसीएस (lower pcs) की भर्तियां 5 सालों में आई और फिर कई साल लगाकर भी अभी तक सिर्फ लोअर पीसीएस संपन्न हुई है, पीसीएस परीक्षा (pcs exam) अभी तक भी पूरी नहीं हो पाई हैं।
यूकेपीएससी (ukpsc) अपने लिए खुद एक अध्यक्ष की तलाश खत्म नहीं कर पा रहा है। एक कार्यवाहक अध्यक्ष अपना कार्यकाल खत्म कर चुके हैं और अब दूसरे सदस्य कार्यवाहक अध्यक्ष का काम संभाल रहे हैं।
बेरोजगारों के लिए सरकार की नई व्यवस्था
सिर्फ 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची
हाल में सरकार द्वारा एक नई व्यवस्था लाई गई कि सिर्फ एकल पदों वाली भर्ती के लिए 25 प्रतिशत की प्रतीक्षा सूची जारी होगी, वह भी एक साल के अंदर पूरी करनी होगी। अन्य सम्मिलित भर्तियों से प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया, जिसके चलते अब उन खाली हो रहे पदों पर कोई अभ्यर्थी नियुक्ति नहीं पा सकेगा, जबकि सरकार इन बर्बाद हो रहे पदों को भी अपने रोजगार के आंकड़े (data of employment) बना कर गिनाएगी।
आयोग बेरोजगारों के प्रति कितने संवेदनहीन हैं, यह पुलिस कांस्टेबल तथा पटवारी भर्ती से लगाया जा सकता है। युवाओं के कई आन्दोलनों के बाद भी एकल भर्तियों पुलिस कांस्टेबल (जिसमें जुलाई में नियुक्ति हो चुकी है ) व पटवारी (जिसमें नवंबर में नियुक्ति हो चुकी है ) में लोक सेवा आयोग ने अब तक प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की है।