सोमवार, 14 अप्रैल 2025 को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने अरब सागर में एक संयुक्त अभियान के दौरान 300 किलो मेथामफेटामाइन (methamphetamine) जब्त किया।
इस ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत ₹1,800 करोड़ है। यह ड्रग्स पाकिस्तान से तस्करी कर लाए गए थे और भारतीय जलसीमा में प्रवेश करने के प्रयास में थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात ATS और ICG को खुफिया जानकारी मिली थी कि, 12-13 अप्रैल की रात एक पाकिस्तानी नाव भारतीय जलसीमा में ड्रग्स लेकर प्रवेश करने वाली है। इस सूचना के आधार पर दोनों एजेंसियों ने संयुक्त रूप से समुद्र में गश्त शुरू की।
नौका को अपनी ओर आते देख तस्करों ने ड्रग्स से भरे जरी कैन समुद्र में फेंक दिए और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार कर पाकिस्तान की ओर भाग गए। तस्करों की यह हरकत भारतीय अधिकारियों की सतर्कता के कारण विफल हो गई।
ड्रग्स की पहचान और मूल्य
ICG और ATS के अधिकारियों ने समुद्र से निकाले गए पैकेट्स की जांच की और उन्हें मेथामफेटामाइन के रूप में पहचाना। इस ड्रग्स की कुल मात्रा 300 किलो थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत ₹1,800 करोड़ बताई जा रही है। यह जब्ती भारतीय समुद्री सुरक्षा और नशीली दवाओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
पाकिस्तानी तस्कर समुद्र के रास्ते ड्रग्स की तस्करी करते हैं, क्योंकि यह तरीका भारतीय तटरक्षक बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी से बचने में मदद करता है। यह ड्रग्स संभवतः तमिलनाडु में एक नाव को सौंपे जाने के लिए लाए गए थे, जहां से इसे देश के अन्य हिस्सों में वितरित किया जाना था।
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
गुजरात ATS के उप निरीक्षक जनरल सुनील जोशी ने बताया कि इस जब्ती से तस्करी के नेटवर्क के खिलाफ महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। उन्होंने कहा, “हमारी एजेंसियां तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं, और इस जब्ती से हमें उनके नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है।”
भारतीय तटरक्षक बल और ATS की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल समुद्री तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और नशीली दवाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की गंभीरता को भी दर्शाती है।
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