डॉ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र में गरिमामय आयोजन
महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर डॉ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल
केंद्रीय विश्वविद्यालय (HNBGU) में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में एक गरिमामय और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित हुआ,
जिसमें संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने भाग लिया।
माल्यार्पण से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर की गई।
उपस्थित सभी लोगों ने संविधान निर्माता के प्रति नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया।
परिसर में शांत और भावनात्मक वातावरण देखने को मिला।

संविधान शिल्पकार को किया नमन
मुख्य अतिथि प्रो. मोहन सिंह पंवार, डीन, नियुक्ति एवं पदोन्नति ने अपने संबोधन में
डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का शिल्पकार बताया।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों की स्थापना में डॉ. आंबेडकर का योगदान अतुलनीय है।
उन्होंने भारत@2047 के परिप्रेक्ष्य में आंबेडकर के विचारों की निरंतर प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला।
महिला सशक्तिकरण में ऐतिहासिक भूमिका
विशिष्ट अतिथि डॉ. ममता आर्य ने डॉ. आंबेडकर के महिला अधिकारों में योगदान को विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं को संपत्ति अधिकार, शिक्षा का अधिकार,
श्रम सुरक्षा, मातृत्व अवकाश और समान अवसर दिलाने में बाबा साहेब की भूमिका ऐतिहासिक रही है।

जीवन के मंत्रों को बताया मार्गदर्शक
केंद्र समन्वयक प्रो. एम.एम. सेमवाल ने कहा कि “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो”
डॉ. आंबेडकर के ये शब्द आज भी समाज को दिशा देते हैं।
उन्होंने डॉ. आंबेडकर को प्रगतिवादी, समतावादी, नारीवादी और ज्ञानवादी महापुरुष बताया
और कहा कि बाबा साहेब किसी एक दल नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की धरोहर हैं।
संकाय सदस्यों की सहभागिता
कार्यक्रम में डॉ. किरण नौटियाल, डॉ. राम साहू, डॉ. प्रकाश सिंह,
डॉ. रोहित महर और डॉ. अरविंद सिंह ने भी अपने विचार रखे।
सभी ने डॉ. आंबेडकर के सामाजिक योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष बहुगुणा द्वारा किया गया।
















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