दादी को पड़ा हार्ट अटैक, परिवार ने छिपाई खबर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) ने वुमेन्स वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में अपनी बेहतरीन फील्डिंग से सबका दिल जीत लिया।
उन्होंने फाइनल में साउथ अफ्रीका की ओपनर तजमिन ब्रिट्स को शानदार डायरेक्ट थ्रो पर रन आउट किया, और फिर कप्तान लॉरा वुलफार्ट का कैच पकड़कर भारत की जीत की नींव रखी।
लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के दौरान, उनके घर में एक बड़ी चिंता का माहौल था -उनकी दादी भगवंती को हार्ट अटैक पड़ा था।
परिवार ने छिपाई बीमारी की खबर
अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह, जो पेशे से ठेकेदार और बढ़ई हैं, ने बताया कि उनकी 75 वर्षीय मां भगवंती को इस हफ्ते दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
लेकिन परिवार ने यह बात अमनजोत से छिपाए रखी ताकि वह वर्ल्ड कप के दौरान मानसिक रूप से विचलित न हो।
जानकारी के मुताबिक उन्होंने बताया कि, “मेरी मां भगवंती हमेशा से अमनजोत की ताकत रही हैं। उन्होंने ही उसे मैदान में जाने का हौसला दिया। इस हफ्ते उन्हें दिल का दौरा पड़ा, लेकिन हमने यह बात बेटी से छिपाई ताकि उसका ध्यान टूर्नामेंट पर बना रहे। वर्ल्ड कप की जीत हमारे लिए इस कठिन समय में मरहम जैसी है।”
दादी थीं अमनजोत की पहली दर्शक
अमनजोत बचपन में जब मोहाली की गलियों में पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं, तब उनकी दादी भगवंती पार्क में कुर्सी डालकर बैठ जाती थीं और पूरी देर तक उनका खेल देखती थीं।
वह यह भी सुनिश्चित करती थीं कि कोई उनकी पोती को परेशान न करे। परिवार के मुताबिक, दादी ने ही अमनजोत को क्रिकेट जारी रखने की प्रेरणा दी थी।
ऐसे शुरू हुआ क्रिकेट सफर
शुरुआत में अमनजोत ने स्केटिंग और हॉकी से खेल करियर की शुरुआत की थी, लेकिन मोहाली के अपने इलाके में क्रिकेट खेलना उन्हें ज़्यादा पसंद था।
2016 में, एक पड़ोसी ने उनके पिता को सुझाव दिया कि वे बेटी को पेशेवर क्रिकेट ट्रेनिंग दिलाएं।
इसके बाद भूपिंदर सिंह ने कई एकेडमियों की तलाश की और अंततः चंडीगढ़ सेक्टर-32 के सरकारी स्कूल में कोच नागेश गुप्ता की अकादमी में उन्हें दाखिला दिलाया।
यहीं से अमनजोत ने संगठित क्रिकेट खेलना शुरू किया और कुछ ही वर्षों में घरेलू स्तर से राष्ट्रीय टीम तक का सफर तय कर लिया।
भारत की ऐतिहासिक जीत
वुमेन्स वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच में अमनजोत की फुर्ती और फील्डिंग ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।
दूसरी ओर, मोहाली में उनके परिवार ने अब जाकर उन्हें दादी की तबीयत की पूरी जानकारी दी है।
अमनजोत की मां और पिता ने कहा कि “अब जब उसने देश को गौरवान्वित किया है, तो हमारी मां की तबीयत भी तेजी से सुधर रही है। लगता है पोती की जीत ने उन्हें नई ऊर्जा दी है।”












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