पुलिस कार्रवाई से मामला गर्माया
दिल्ली का जंतर-मंतर 31 जुलाई को एक बार फिर आंदोलन की गूंज से भर गया, जब देशभर से आए हजारों छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की फेज़ 13 सिलेक्शन पोस्ट परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।
‘दिल्ली चलो’ के नारे के साथ शुरू हुआ यह प्रदर्शन देखते ही देखते बड़ा जनसमूह बन गया, जिसमें छात्र अपनी मांगें लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) कार्यालय तक पहुंचना चाहते थे।
SSC की Phase-13 भर्ती परीक्षा 24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच होनी थी। इस परीक्षा में लगभग 29 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। कई छात्रों ने सेंटर तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय की, लेकिन वहां पहुंचने के बाद पता चला कि परीक्षा अचानक रद्द कर दी गई।

तकनीकी खामियों और परीक्षा रद्द होने से बढ़ा आक्रोश
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि परीक्षा रद्द होने और तकनीकी गड़बड़ियों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। कई छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें गृह राज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दिए गए, जबकि परीक्षा के दिन केंद्रों पर सर्वर क्रैश, माउस खराब और सॉफ्टवेयर एरर, गलत सेंटर की जानकारी, तो कहीं बिना सूचना के पेपर ही कैंसिल जैसी समस्याओं ने स्थिति और बिगाड़ दी।
कुछ केंद्रों पर परीक्षाएं अचानक रोक दी गईं, जिनकी सूचना उम्मीदवारों को समय रहते नहीं दी गई।
शिक्षकों की भी सक्रिय भागीदारी
छात्रों ने आरोप लगाया कि जब वे जंतर-मंतर और CGO कॉम्प्लेक्स के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने लाठियां बरसाईं। सोशल मीडिया पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई नोकझोंक के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसने छात्रों में और गुस्सा भर दिया।
इन आरोपों के बीच जंतर-मंतर पर सुबह से ही भीड़ इकट्ठा होने लगी। प्रदर्शन में न सिर्फ छात्र बल्कि कई प्रसिद्ध शिक्षक भी शामिल हुए, जिनमें नीतू सिंह, अभिनय सर, राकेश यादव, आदित्य रंजन और गोपाल वर्मा जैसे नाम प्रमुख थे।
इन शिक्षकों ने न केवल छात्रों की समस्याओं को मंच से उठाया बल्कि स्वयं छात्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च किया।
DoPT की ओर बढ़ते प्रदर्शनकारियों को रोका गया
स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर से DoPT कार्यालय की ओर बढ़ने लगे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हालात पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए अनावश्यक लाठीचार्ज किया और हजारों की संख्या में छात्रों व शिक्षकों को हिरासत में लेकर बसों में भरकर विभिन्न थानों में भेजा।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई शिक्षकों को हिरासत में लेते और कुछ छात्रों को चोटिल हालत में ले जाते देखा गया।
महिला सुरक्षा को लेकर भी सवाल
पुलिस कार्रवाई ने प्रदर्शन को और भी गरमा दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के दौरान महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थीं, जो नियमों का उल्लंघन है। दिल्ली पुलिस की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
छात्रों की मांगें
छात्रों और शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि SSC परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए, तकनीकी समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए और रद्द हुई परीक्षाओं की नई तारीख जल्द घोषित की जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।

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