जखोल गांव में भालू ने तोड़े घर और छानियों के दरवाजे, वन विभाग ने किया कार्रवाई में जुटा
उत्तरकाशी जिले में भालू का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। मोरी ब्लॉक के गोविंद वन्य जीव विहार पार्क क्षेत्र के जखोल गांव के जाबिल्च तोक में भालू ने बस्ती में घुसकर कई घरों और छानियों के दरवाजे तोड़ दिए।
घटना के कारण ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और पूरा क्षेत्र डर और दहशत में डूब गया।
ग्रामीणों ने बताई भयावह स्थिति
गंगा सिंह रावत, धाम सिंह, गौर सिंह, जगदीश, ताली राम, जयेंद्र सिंह और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि भालू पिछले कई दिनों से गांव के आसपास मंडरा रहा था।
पहले वह जंगल और खेतों में काम कर रहे लोगों तथा मवेशियों को नुकसान पहुंचा रहा था। अब इसकी हरकतें सीधे आबादी तक पहुँच गई हैं।
रात के समय भालू ने घरों के दरवाजों पर हमला कर उन्हें तोड़ दिया। कई घरों के लकड़ी और टिन के दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए।
शोर सुनकर ग्रामीण घरों में छिप गए और पूरी रात डर के साये में जागते रहे। महिलाएं और बच्चे अभी भी दहशत का सामना कर रहे हैं।
वन विभाग को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने वन विभाग के कार्यालय पहुंचकर डीएफओ को ज्ञापन सौंपा और भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की।
पार्क उप निदेशक निधि सेमवाल ने बताया कि रेंज अधिकारी गौरव अग्रवाल और वन कर्मियों की टीम मौके पर भेजी गई है। उन्होंने कहा कि नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर मुआवजे की कार्यवाही की जाएगी।
प्रभागीय वन अधिकारी का बयान
डीपी बलूनी, प्रभागीय वन अधिकारी ने कहा कि पहाड़ों में भालुओं का जीवन चक्र बदल गया है। कम बर्फबारी और समय पर ठंड नहीं होने के कारण भालुओं की नींद प्रभावित हुई है।
“पहाड़ों में अब भालुओं के लिए भोजन और सुरक्षित आवास दोनों कम हो गए हैं। जलवायु परिवर्तन का सीधा असर भालुओं पर दिखाई दे रहा है।”
उन्होंने बताया कि अभी तक भालू के हमलों में दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है, 4 गंभीर और 3 साधारण घायल हुए हैं। जिले में भटवाड़ी ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा है।

















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