देशभर के 40 से अधिक शिक्षकों की सहभागिता, विशेषज्ञों ने बताए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे–नुकसान
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (एमएमटीटीसी) में
गुरुवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित केंद्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए 40 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।

दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. मनु प्रसाद सिंह, विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस विभाग,
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा तथा
एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. डी.एस. नेगी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
AI के फायदे भी, खतरे भी
मुख्य अतिथि प्रो. मनु प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
के लाभ और संभावित जोखिमों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि,
“कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित करने की होड़ तेज़ होती जा रही है।
गूगल और ओपनएआई जैसी कंपनियाँ मानवता की जटिल समस्याओं को सुलझाने
और व्यावसायिक लाभ कमाने के उद्देश्य से अत्यधिक उन्नत एआई प्रणालियाँ विकसित कर रही हैं।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अत्यधिक उन्नत एआई प्रणालियाँ भविष्य में
मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकती हैं,
क्योंकि मशीनें यदि अनियंत्रित हो गईं तो वे मानव के विरुद्ध भी जा सकती हैं।

आज की जीवनशैली में AI की भूमिका
विशिष्ट अतिथि प्रो. एन.एस. पंवार (आईआईटी धनबाद) ने बताया कि आज की आधुनिक जीवनशैली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग और प्रशासन में AI की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. ओम प्रकाश, सहायक निदेशक डॉ. सोमेश थपलियाल, डॉ. अमरजीत सिंह परिहार तथा अन्य शिक्षाविद मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. राहुल कुमार सिंह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
















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