इतनी भीड़ में अकेले कैसे कार्य कर पाएंगे लैब टेक्नीशियन
हेम कांडपाल
पिछले पच्चीस सालों में यदि नेताओं और उनकी सरकारों ने दूरगामी सोच के साथ सशक्त कार्ययोजना तैयार की होती तो आज जनता को यह दिन नहीं देखने पड़ते l
शिक्षा हो या चिकित्सा, पर्यटन हो या रोजगार, वन हो या उद्यान कोई भी ठोस नीति जन आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं बन पाई हैl
यहीं देखिएगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया में विशेषज्ञ चिकित्सकों का तो टोटा पड़ा ही है अन्य स्टाफ की स्थिति भी निराशाजनक है l
एक साल पहले चीफ फार्मेसिस्ट का स्थानांतरण हुआ और एक फार्मेसिस्ट सेवानिवृत्त हुए परंतु दोनों पद खाली हैं l
स्वास्थ्य केंद्र में एकमात्र सेवारत फार्मेसिस्ट भी दूसरी जगह से संबद्ध किए गए हैं जिन्हें उधारी के फार्मेसिस्ट भी कह सकते हैं l अब चूंकि अस्पताल उप जिला चिकित्सालय बन चुका है इसलिए दो चीफ फार्मेसिस्ट व दो फार्मेसिस्ट होने चाहिए l
लैब टेक्नीशियन की बात करें तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हिसाब से दो लैब टेक्नीशियन होने चाहिए जबकि एकमात्र टेक्नीशियन से काम चलाया जा रहा है उस में भी एक ही दिन में पचास पचास तक टेस्ट आ जाते है l
यदि अब उप जिला चिकित्सालय के हिसाब से देखें तो 8 लैब टेक्नीशियन की जरूरत है l चंदन लैब ने भी सिर्फ एक ही टेक्नीशियन रखी है जबकि उसमें भी न्यूनतम दो की जरूरत है l
वार्ड बॉय की बात करें तो सिर्फ एक ही है जबकि 5 होने चाहिए स्टॉप नर्स स्थाई तौर पर 5 होने चाहिए जबकि चार हैं इसके अलावा तीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से तीन अलग से भी हैं l
कहने का अभिप्राय यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में हर तरफ दुश्वारियां और बदहाली ही नजर आ रही हैl
















Leave a Reply