पहली बार होगा विंटर लाइन फेस्टिवल, मुख्यमंत्री धामी करेंगे उद्घाटन
विंटर लाइन, लोकसंस्कृति और खेल का अनोखा संगम
देवभूमि की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने वाला ‘पौड़ी शरदोत्सव 2025’ इस वर्ष 20 से 23 नवंबर तक भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
भूम्याल देवता कण्डोलिया ठाकुर की पावन भूमि पर होने वाले इस आयोजन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 20 नवंबर की सुबह रामलीला मैदान, पौड़ी में करेंगे।
इस बार शरदोत्सव में कई विशेष आकर्षण जोड़े गए हैं, जिनमें प्रमुख है — पहली बार आयोजित किया जा रहा विंटर लाइन फेस्टिवल।
नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी ने पत्रकार वार्ता में शरदोत्सव की तैयारियों और कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण साझा किया।
उन्होंने बताया कि इस बार शरदोत्सव को प्रदेश स्तर का ही नहीं बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से राज्य का प्रमुख आयोजन बनाने की तैयारी है।
हिमानी नेगी ने कहा कि—
- शहर में 20 नवंबर से शरदोत्सव की धूम रहेगी।
- पहली बार ‘विंटर लाइन फेस्टिवल’ का आयोजन होगा, जो पौड़ी की प्राकृतिक सुंदरता को नया पर्यटन आयाम देगा।
- शरदोत्सव में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लोक कलाकारों के प्रदर्शन, और
- युवाओं के लिए खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और जनता का उत्साह चरम पर है।
शरदोत्सव के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, और शिक्षा-स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
आयोजन समिति मुख्य संरक्षक विनय शंकर पाण्डे, संरक्षक स्वाति एस. भदौरिया, सचिव गायत्री बिष्ट और संयोजक हिमानी नेगी द्वारा औपचारिक आमंत्रण जारी किया जा चुका है।

पर्यटन की नई पहचान
इस वर्ष शरदोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण होगा विंटर लाइन फेस्टिवल, जो पौड़ी की अनोखी भौगोलिक विशेषता आकाश में दिखने वाली सुनहरी-नारंगी क्षितिज रेखा को केंद्र में रखेगा।
देहरादून और मसूरी की तरह अब पौड़ी भी विंटर लाइन को पर्यटन ब्रांडिंग के रूप में प्रस्तुत करने जा रहा है।
विंटर लाइन फेस्टिवल में शामिल होंगे—
- विंटर लाइन फोटोग्राफी वॉक
- सुंदर स्थानों पर सांस्कृतिक संध्याएं
- स्थानीय व्यंजनों का स्टॉल
- हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी
सांस्कृतिक धरोहर का भव्य प्रदर्शन
शरदोत्सव में उत्तराखण्ड के पारंपरिक नृत्य, संगीत, चन्दन-घुंघरू की थाप, रंगारंग लोक परिधान और पहाड़ी संस्कृति का विविध रंग देखने को मिलेगा।
पहाड़ के युवा कलाकारों और महिला स्वयं सहायता समूहों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का बड़ा मंच मिलेगा।
खेल प्रतियोगिताएं भी होंगी आकर्षण का केंद्र
युवाओं के उत्साह और भागीदारी को देखते हुए इस बार कई खेल प्रतियोगिताएँ भी जोड़ी गई हैं। इनमें—
- एथलेटिक्स
- कबड्डी
- वॉलीबॉल
- स्थानीय पारंपरिक खेल
भी सम्मिलित रहेंगे।
सड़क-सज्जा, प्रकाश व्यवस्था, मंच निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक प्लानिंग के लिए नगर पालिका व जिला प्रशासन लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। बाजारों, मुख्य मार्गों और रामलीला मैदान को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है।


















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