नेपाल में बीते कई दिनों से जारी हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बीच हालात अब धीरे-धीरे शांत हो रहे हैं। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जी युवाओं के आंदोलन के दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया,
जिसके बाद देशभर में हिंसा भड़क गई और सेना को सुरक्षा की कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी। हालात काबू में लाने के लिए नेपाल में कर्फ्यू लागू है।
इस बीच जेन-जी प्रतिनिधियों ने नेपाल की अंतरिम सरकार के नए प्रधानमंत्री के रूप में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का ऐलान किया है।
क्या बोलीं सुशीला कार्की
“जेन-जी समूह ने मुझ पर थोड़े समय के लिए सरकार का नेतृत्व करने का भरोसा जताया है। मैं राष्ट्रहित में काम करने के लिए तैयार हूं। युवाओं ने जो विश्वास जताया है, उससे मैं अभिभूत हूं।”
आर्मी चीफ से अहम बैठक
सूत्रों के अनुसार, अंतरिम सरकार के नेतृत्व पर जेन-जी प्रतिनिधियों और सेना प्रमुख के बीच निर्णायक चर्चा होगी। सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भी इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
माना जा रहा है कि बैठक से पहले ही आंदोलनकारियों के बीच सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बन चुकी है, जिसे जल्द औपचारिक रूप दिया जाएगा।
कौन हैं सुशीला कार्की
- नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश।
- 11 जुलाई 2016 को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुईं।
- 1975 में बीएचयू, वाराणसी (भारत) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर।
- 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक।
- 1979 में विराटनगर से वकालत की शुरुआत।
नेपाल की मौजूदा स्थिति में सुशीला कार्की का नाम एक समझौतावादी और निष्पक्ष चेहरा माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता को थामने की उम्मीद जताई जा रही है।
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