मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई, जिसमें राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए। बैठक में प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पर्यावरण अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस पहल की गई।
पुलों की क्षमता बढ़ाने को मिली मंजूरी
बैठक में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राज्य के बी ग्रेड पुलों को ए ग्रेड में अपग्रेड करने के लिए करोड़ों रुपये की परियोजना को स्वीकृति दी गई। इन पुलों की मरम्मत और मजबूती से यातायात की सुगमता और सुरक्षा में वृद्धि होगी। साथ ही, पुलों की वाहन क्षमता का आकलन करने के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने का निर्णय भी लिया गया।
उत्तराखंड को मिली अपनी पहली जियोथर्मल नीति
राज्य की पहली जियोथर्मल ऊर्जा नीति 2025 को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई। इस नीति के लागू होने से उत्तराखंड वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में नया अध्याय शुरू करेगा। जियोथर्मल ऊर्जा जैसे स्वच्छ स्रोतों को प्रोत्साहन मिलने से ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण दोनों में मदद मिलेगी।
सतर्कता विभाग हुआ और अधिक सशक्त
कैबिनेट ने सतर्कता विभाग के ढांचे में संशोधन कर 20 नए पदों को मंजूरी दी है, जिससे विभाग में कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 152 हो गई है। यह निर्णय राज्य में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आईटी और डिजिटल सेवाओं के लिए नई पहल
बैठक में यह भी तय किया गया कि इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सूचीबद्ध कंपनियों को राज्य में भी सूचना तकनीक से संबंधित सेवाओं और सामग्रियों की आपूर्ति हेतु सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे डिजिटल सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
खनिज क्षेत्र में नीतिगत सुधार
खनिज संसाधनों के बेहतर प्रबंधन हेतु दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई — उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास, 2025 और उत्तराखंड जिला खनिज फाउंडेशन न्यास, 2025। इन न्यासों के गठन से खनिज संपदा के अन्वेषण, संरक्षण और सतत उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
कर विभाग और वित्तीय प्रशासन में तकनीकी मजबूती
राज्य कर विभाग में डिजिटल फॉरेंसिक लैबोरेटरी की स्थापना को मंजूरी दी गई है, जिससे टैक्स चोरी की जांच और डेटा विश्लेषण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल संभव होगा। साथ ही, वित्त सेवा संवर्ग के पुनर्गठन का निर्णय लेकर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
वृद्धावस्था और विधवा पेंशन में राहत
समाज कल्याण विभाग के तहत अब पुत्र के 18 वर्ष का होने पर भी वृद्धावस्था और विधवा पेंशन बाधित नहीं होगी। पहले इस उम्र सीमा के पार पहुंचते ही पेंशन बंद कर दी जाती थी, लेकिन अब इस संशोधन से हजारों लाभार्थियों को राहत मिलेगी।

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