उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला को अस्पताल पहुँचाने के लिए बुलाई गई 108 एंबुलेंस रास्ते में ही खराब हो गई।
दूसरी एंबुलेंस का इंतजार करते हुए महिला ने उसी खराब वाहन में बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना राज्य की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की असफलता को बेधड़क उजागर करती है।
स्थानीय पंचायत सदस्य सतीश राणा ने कहा, “अगर 108 एंबुलेंसें बार-बार खराब हो रही हैं, तो फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसा कैसे किया जाए?”
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञों की कमी, और एंबुलेंस की खराबी बार-बार सामने आती रही है। प्रशासनिक जांच केवल कागज़ों तक सीमित रहती है, जबकि वास्तविक मेंटेनेंस और फिटनेस प्रक्रिया नजरअंदाज की जाती है।
एंबुलेंस सेवा की वर्तमान स्थिति
जिले में कुल 12 एंबुलेंस हैं, जिनमें से केवल आठ ही चल रही हैं। पहले भी कई बार रास्ते में एंबुलेंस खराब होने की घटनाएँ हुई हैं।
यह सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि प्रशासन की उदासीनता और गंभीर लापरवाही का परिणाम है। पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजों की जान पर हर समय खतरा मंडरा रहा है।












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