उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में भारी बारिश और बादल फटने से बड़ी तबाही मच गई है। गांव में पानी और मलबा भर गया है, जिससे रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं। लोग गांव में फंसे हुए हैं। लेकिन रेस्क्यू टीमें लगातार लोगों को बचाने में लगी हुई हैं।
धराली पहुंचने वाले सभी रास्ते मलबे की वजह से बंद हो गए हैं। इसलिए अब सरकार ने प्लान-B शुरू किया है। इसमें रेस्क्यू टीमें पहले भटवाड़ी तक सड़क से जाती हैं, फिर वहां से हेलिकॉप्टर से धराली पहुंचती हैं।

गांव में मलबा ही मलबा
धराली गांव में सैलाब के बाद 30 से 50 फीट तक मलबा भर गया है। कई घरों की छतें तक दिखाई नहीं दे रही हैं। बड़े-बड़े पत्थर और गीली मिट्टी की वजह से चलना भी मुश्किल हो गया है।
अब तक 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सेना के 11 जवान जो मलबे में फंसे थे, उन्हें भी सुरक्षित बाहर लाया गया है। लेकिन अब भी कई लोग लापता हैं।
रेस्क्यू टीम को बारिश, टूटे रास्ते और खराब मौसम की वजह से काम में परेशानी हो रही है। कई टीमें किलोमीटरों तक पैदल चलकर पहुंच रही हैं। टीन की चादरें बिछाकर रास्ता बनाया जा रहा है ताकि दलदल में फिसलन कम हो।
धराली गांव तक मलबा हटाने के लिए अब पोकलैंड मशीनों को भी हेलिकॉप्टर से लाया गया है। सेना, एयरफोर्स और BRO (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन) मिलकर रास्ते खोलने की कोशिश कर रहे हैं।

CM धामी कर रहे निगरानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद धराली आपदा की स्थिति की समीक्षा की और राहत कार्य तेज़ करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि “बचाव टीमों की मेहनत और निष्ठा से उम्मीदें बनी हुई हैं।”
उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम के बाद गुरुवार दिन निकलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव दलों (रेस्क्यू) में लगे अधिकारियों से स्थिति पर चर्चा की। इस बीच, मताली हेलीपैड से हर्षिल के बीच शटल सेवा प्रारंभ हो गयी है।
धामी ने सुबह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही, आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुए हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को सड़क, संचार और बिजली की शीघ्र बहाली के साथ-साथ पेयजल और खाद्यान्न आपूर्ति की सघन निगरानी एवं त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

अब भी मौसम बना है रुकावट
बचाव कार्य में सबसे बड़ी रुकावट है लगातार बारिश और खराब मौसम। हेलिकॉप्टर उड़ नहीं पा रहे और मलबा हटाना मुश्किल हो रहा है। फिर भी टीमें लगातार काम कर रही हैं।

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