सहायक अध्यापक भर्ती में नहीं मिलेगी ढील
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा आवेदन की तय तारीख के बाद योग्यता मान्य नहीं
उत्तराखंड के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने का सपना देख रहे उन अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है, जो अभी डीएलएड कोर्स कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने ऐसे छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में कोई राहत देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है और अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने क्यों नहीं दी राहत
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि भर्ती विज्ञापन में जिस दिन को अंतिम तिथि घोषित किया गया है, उसी दिन तक सभी आवश्यक योग्यताओं का पूरा होना अनिवार्य है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि न्यायिक दखल से पूरी चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, इसलिए अंतिम तारीख में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
अभ्यर्थियों की दलील
अभ्यर्थियों का कहना था कि
- उनका डीएलएड कोर्स जारी है
- दिसंबर 2025 में रिजल्ट आने की संभावना है
- इसलिए आवेदन के लिए अस्थायी छूट दी जाए
- साथ ही शिक्षा बोर्ड को परिणाम जल्द घोषित करने का आदेश दिया जाए
लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को अस्वीकार कर दिया।
कोर्ट का साफ संदेश
न्यायालय ने कहा कि सिर्फ कोर्स में पंजीकरण होना योग्य होने के बराबर नहीं है।
जब तक उम्मीदवार के पास वैध डिप्लोमा या डिग्री प्रमाणपत्र नहीं होगा, तब तक उसे भर्ती के लिए योग्य नहीं माना जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले का सहारा
हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि योग्यता की जांच केवल वही तारीख देखकर की जाएगी, जो आवेदन के लिए अंतिम निर्धारित की गई हो। उसके बाद मिलने वाली योग्यता अमान्य मानी जाएगी।
किन जिलों की भर्ती से जुड़ा मामला
यह मामला संबंधित है चंपावत, पिथौरागढ़ यहां प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे।
कोर्ट का अंतिम फैसला
हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि भर्ती नियमों में ढील देने से चयन प्रक्रिया असंतुलित होगी और इससे अन्य उम्मीदवारों के अधिकार प्रभावित होंगे।

















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