“विज्ञान से समृद्धि : आत्मनिर्भर भारत हेतु” थीम पर आधारित आयोजन में वैज्ञानिकों–शिक्षाविदों ने साझा किए विचार
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF)–2025 के कर्टेन रेज़र कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन शुक्रवार, 14 नवम्बर 2025 को बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
“विज्ञान से समृद्धि : आत्मनिर्भर भारत हेतु” थीम पर आधारित यह आयोजन वैज्ञानिक प्रगति, शोध एवं नवाचार को राष्ट्रीय विकास की केंद्रीय धुरी के रूप में प्रस्तुत करता है।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, जिसके बाद दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के माध्यम से समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर हेमवंती नंदन, निदेशक RDC एवं विभागाध्यक्ष भौतिकी विभाग, सहित विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया।
अतिथियों का हुआ सम्मान
समारोह में डॉ. विनीत कुमार मौर्य, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. आलोक सागर गौतम, डॉ. सुधांशु जायसवाल, डॉ. साकेत कुमार भारद्वाज, डॉ. हर्षवंधनी शर्मा और डॉ. भास्करन का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम ने न केवल विश्वविद्यालय समुदाय, बल्कि क्षेत्र के शैक्षणिक जगत में भी उत्साह का संचार किया।
IISF–2025 युवाओं और शोधार्थियों के लिए बड़ा मंच: संयोजक
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. आलोक सागर गौतम ने IISF—2025 के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह महोत्सव शोधार्थियों, वैज्ञानिकों और अकादमिक जगत के लिए संवाद, नवाचार और सहयोग का विशाल मंच है।
उन्होंने कहा कि उत्सव विशेष रूप से युवा प्रतिभाओं और विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए आयामों से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा।

मुख्य अतिथि प्रो. हेमवंती नंदन ने अपने संबोधन में कहा “विज्ञान को प्रयोगशालाओं तक सीमित न रखते हुए समाज के कल्याण और राष्ट्र के विकास का माध्यम बनाना ही IISF का प्रमुख उद्देश्य है।”
उन्होंने छात्रों और युवा शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने, अनुसंधान में नवाचार करने और भारत को वैश्विक स्तर पर विज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया।
अधिक छात्र सहभागिता पर जोर
कार्यक्रम में डॉ. रवीन्द्र कुमार, सहायक प्रोफेसर—रसायन विभाग, गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार, ने चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले आगामी IISF में छात्रों की अधिक से अधिक भागीदारी पर बल दिया।
इसी क्रम में डॉ. लोकेश कुमार जोशी, सहायक प्रोफेसर—इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय, गुरुकुल कांगड़ी, ने पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों के लिए IISF में उपलब्ध विशाल शैक्षणिक व पेशेवर अवसरों की जानकारी देते हुए उन्हें सक्रिय सहभागिता के लिए प्रेरित किया।
समापन सत्र में डॉ. सुधांशु जायसवाल, विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवं जनसंचार, ने विश्वविद्यालय प्रशासन, अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और आयोजन टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह कर्टेन रेज़र कार्यक्रम IISF—2025 की एक महत्वपूर्ण शुरुआत है, जो यह संदेश देता है कि विज्ञान और नवाचार ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की सशक्त नींव हैं।












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