सोशल मीडिया पोस्ट मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद पांडे का दावा-2027 में कालाढूंगी विधानसभा से लड़ेंगे चुनाव; क्षेत्र की राजनीति में नई हलचल
हल्द्वानी में प्रतिबंधित पशु अवशेष मिलने से भड़के विवाद और इसके बाद सोशल मीडिया पोस्ट प्रकरण में गिरफ्तार हिंदूवादी नेता विपिन पांडे को कोर्ट से जमानत मिल गई है।
जेल से बाहर आते ही उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा एलान कर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।
क्यों हुआ था पूरा विवाद
16 नवंबर को हल्द्वानी के उजाला नगर क्षेत्र में प्रतिबंधित पशु के अवशेष मिलने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था।
इसके बाद:
- कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए
- कुछ उपद्रवी तत्वों ने दुकानों में तोड़फोड़ की
- पुलिस को स्थिति संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा
मामला बढ़ने पर बनभूलपुरा पुलिस ने 40–50 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की।
सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़ी परेशानी
जांच के दौरान 19 नवंबर को तीन हिंदूवादी नेताओं पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का आरोप सामने आया।
20 नवंबर को इसी केस में हल्द्वानी पुलिस ने विपिन पांडे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
जमानत पर रिहा, कानूनी टीम ने रखे मजबूत तर्क
CJM कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पांडे की कानूनी टीम ने केस की परिस्थितियों को विस्तार से रखा।
दलीलों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान कर दी।
जेल से छूटते ही बड़ा राजनीतिक एलान
जेल से रिहा होते ही विपिन पांडे ने कहा:
- “मैं हिंदू समाज के मुद्दों पर हमेशा मुखर रहा हूं और आगे भी रहूंगा।”
- “2027 का विधानसभा चुनाव मैं कालाढूंगी सीट से लड़ूंगा, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।”
उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में तुरंत सुर्खियों में आ गया।
कालाढूंगी सीट पर प्रतियोगिता रोचक होने के संकेत
वर्तमान में यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत के पास है, जो काफी समय से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ऐसे में विपिन पांडे के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद:
- समर्थकों में उत्साह
- राजनीतिक विश्लेषकों ने मुकाबले को “दिलचस्प” बताया
- भाजपा खेमे और स्थानीय राजनीति में नई हलचल
स्थानीय राजनीतिक समीकरणों पर असर
इस घटनाक्रम के बाद कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में:
- नए नेतृत्व के उभरने की चर्चा
- भाजपा समर्थकों और स्थानीय संगठनों में अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ
- 2027 चुनाव की शुरुआती आहट
राजनीतिक तौर पर यह बयान आने वाले महीनों में क्षेत्रीय राजनीति की दिशा बदल सकता है।
















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