गढ़वाल विवि में लौह पुरुष की 150वीं जयंती मनाई गई उत्साहपूर्वक
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाई गई।
बिड़ला परिसर स्थित एसीएल सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
इस अवसर पर मुख्य छात्र सलाहकार एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. एम.एम. सेमवाल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर कुलपति महोदय का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने सरदार पटेल के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि “आजादी के बाद भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विविध रियासतों को एकसूत्र में बाँधने की थी। सरदार पटेल ने अपने अदम्य साहस, राजनीतिक कुशलता और राष्ट्रनिष्ठा से इस चुनौती को अवसर में बदला और अखण्ड भारत की नींव रखी।”
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का मानना था कि राष्ट्रीय एकता के लिए जातीय भेदभाव, क्षेत्रवाद और धार्मिक उन्माद सबसे बड़ी बाधाएँ हैं।
कुलपति श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि, संविधान सभा में डॉ. आंबेडकर के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि “यह वही समस्याएँ थीं जिन्हें पटेल ने नीतिगत दृष्टि से समझा और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर उनके ‘एकीकृत भारत’ के स्वप्न को साकार किया है।”
कुलपति ने अंत में उपस्थित छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों एवं अतिथियों को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और सुरक्षा की शपथ दिलाई।
प्रो. एम.एम. सेमवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि “सरदार पटेल केवल भावनाओं के नहीं, बल्कि संस्थाओं के स्थापत्यकार थे। उन्होंने लोकतंत्र की ऊष्मा को अनुशासन और व्यवहारिकता से जोड़ा।”
उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि “हम सब मिलकर उस लौ को प्रज्वलित रखें जो सरदार पटेल ने भारत की एकता और अखण्डता के लिए प्रज्वलित की थी।”
प्रो. सेमवाल ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध सतर्कता प्रतिज्ञा भी दिलाई।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ओ.पी. गुसाईं ने स्वागत उद्बोधन में 15 नवम्बर तक आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कुलसचिव प्रो. राकेश डोढ़ी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि “ऐसे आयोजन हमारे विद्यार्थियों में देशभक्ति, संगठन और नैतिक नेतृत्व के मूल्य को सुदृढ़ करते हैं।”
कार्यक्रम से पूर्व विश्वविद्यालय परिसर से ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, छात्र-छात्राएँ, मेयर श्रीनगर, एसडीएम एवं स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
नोडल अधिकारी डॉ. राकेश नेगी ने बताया कि यह आयोजन सरदार पटेल के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रतीक है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश नेगी ने किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. मोहन पंवार, प्रो. मंजुला राणा, प्रो. डी.एस. नेगी, प्रो. गुड्डी बिष्ट, मुख्य नियंता प्रो. एस.सी. सती, छात्रावास अधीक्षक डॉ. एस.एस. बिष्ट, प्रो. जे.पी. मेहता सहित विभिन्न संकायों एवं विभागों के शिक्षकगण, अधिकारी और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।












Leave a Reply