ओली ने दिया इस्तीफा, सेना ने संभाली कमान
नेपाल में पिछले दो दिनों से हिंसक विरोध-प्रदर्शन ने राजनीतिक हालात पूरी तरह बदल दिए हैं। सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ आंदोलन अब बड़े राजनीतिक संकट में बदल चुका है।
राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में गुस्साई भीड़ ने संसद, राष्ट्रपति भवन और नेताओं के घरों को निशाना बनाया।
अब तक 22 लोगों की मौत और 250 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
भीड़ ने राजधानी के बुदानिलकांठा स्थित पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर पर हमला किया। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने देउबा और उनकी पत्नी, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को बुरी तरह पीटा।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दोनों को खून से लथपथ देखा गया। नेपाली सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री को बचा लिया, लेकिन विदेश मंत्री आरजू का अभी तक कुछ पता नहीं है।
झालानाथ खनाल की पत्नी की मौत
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के घर को भी आग के हवाले कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्राकर को घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया।
वह आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गईं और बाद में कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए।
संसद, राष्ट्रपति भवन और नेताओं के घरों में आगजनी
उग्र भीड़ ने सिंहदरबार (केंद्रीय प्रशासनिक परिसर), राष्ट्रपति भवन शीतल निवास और सुप्रीम कोर्ट तक को आग के हवाले कर दिया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास पर भी हमला हुआ।
वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल को भीड़ ने सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस बीच कई राजनीतिक दलों के दफ्तरों को भी फूंक दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की कई जेलों पर धावा बोला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 900 कैदी भाग निकले। हालात को काबू में लाने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।
बढ़ते दबाव और हिंसा को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा कि वह “समस्या का राजनीतिक समाधान निकालने में मदद के लिए पद छोड़ रहे हैं।”
सेना का कर्फ्यू और सुरक्षा अभियान
नेपाल आर्मी ने मंगलवार रात 10 बजे से पूरे देश की सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले ली। राजधानी और अन्य शहरों में 10 सितंबर की शाम 5 बजे से 11 सितंबर की सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू किया गया।
काठमांडू एयरपोर्ट को बंद कर सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं। सेना ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें।
Gen Z प्रदर्शनकारियों की मांगें
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवाओं ने राष्ट्रपति और सेना के सामने अपनी मांगें रखी हैं।
- आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को “शहीद” घोषित किया जाए।
- शहीद परिवारों को सम्मान और राहत दी जाए।
- बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक अन्याय खत्म करने के लिए विशेष कार्यक्रम लाए जाएं।
- संविधान में संशोधन या पुनर्लेखन हो।
- पिछले 30 वर्षों में लूटी गई संपत्ति की जांच कर उसे राष्ट्रीयकृत किया जाए।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, सुरक्षा और संचार संस्थानों का पुनर्गठन किया जाए।
- प्रतिनिधि सभा भंग कर नए सिरे से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं।
भारत और अंतरराष्ट्रीय रिएक्शन
भारतीय सरकार ने नेपाल में रह रहे नागरिकों को सतर्क रहने और घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है। कई भारतीय एयरलाइंस ने काठमांडू की उड़ानें निलंबित कर दी हैं। रॉयटर्स और द हिन्दू के मुताबिक, सेना की गश्त के बाद बुधवार सुबह काठमांडू की सड़कें सुनसान दिखीं।
जनरेशन Z का बैकग्राउंड
नेपाल में जिस “Gen Z Protest” ने हालात बदल दिए, उसका नाम भी चर्चा में है। यह वही पीढ़ी है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई और स्मार्टफोन-इंटरनेट के दौर में बड़ी हुई।
डिजिटल पीढ़ी कहे जाने वाले युवाओं ने न केवल सोशल मीडिया बैन का विरोध किया, बल्कि भ्रष्टाचार और राजनीतिक उदासीनता के खिलाफ भी सड़कों पर उतर आए।
समाजशास्त्रियों के मुताबिक, यह पीढ़ी जेंडर, मानसिक स्वास्थ्य और न्याय जैसे मुद्दों पर ज्यादा मुखर है।

नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन के चलते प्रदेश में अलर्ट
नेपाल में चल रही हिंसक राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता आईपीएस निलेश भरणे ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल से सटे जिलों के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई।
पुलिस मुख्यालय ने इन जिलों में सतर्कता बढ़ाने और पेट्रोलिंग व चेकिंग अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बॉर्डर एरियाज में तैनात टीमों के साथ सामंजस्य बनाकर काम करने और ज्वाइंट पेट्रोलिंग के निर्देश भी लागू किए गए हैं।


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