उत्तराखंड के पौड़ी जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष गंभीर मोड़ पर है।
घटना का विवरण
राजेन्द्र नौटियाल मंदिर में पूजा करने के बाद घर लौट रहे थे, तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर हमला किया और शव को झाड़ियों में घसीट लिया।
इस घटना ने पूरे गांव को सदमे और दहशत में डाल दिया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग केवल औपचारिकताएं निभा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक डीएफओ गांव का दौरा नहीं करते, शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
“हमारी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। अधिकारी घटनास्थल पर नहीं आते। हमें अपनी जान की चिंता है।”- गजल्ट गांव के ग्रामीण
पीड़ित का परिवार और स्थानीय असर
राजेन्द्र नौटियाल दूध बेचकर अपने छोटे बच्चों का पालन-पोषण कर रहे थे।
उनकी अचानक मृत्यु ने परिवार पर दुख और आर्थिक संकट दोनों का पहाड़ गिरा दिया।
पिछले वर्षों में भी पौड़ी जिले में ऐसी घटनाएं हुई हैं:
- कृकोटी गांव में गुलदार ने एक महिला की जान ले ली।
- डोभाल ढांडरी क्षेत्र में गुलदार ने एक महिला पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल किया।
- कोटी गांव में गुलदार ने महिला को दिन-दहाड़े अपना निवाला बनाया।
इन घटनाओं ने पूरे जिले में खौफ का माहौल बना दिया है।
लोग शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से डरने लगे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वन विभाग ने कहा कि घटनाओं की तत्काल समीक्षा और निगरानी की जा रही है। डीएफओ पौड़ी को घटनास्थल का दौरा करने और स्थानीय लोगों से बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं।
















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