ग्रीन कार्ड धारक भी नियम के दायरे में
अमेरिका में प्रवेश और बाहर निकलने के नियम अब पहले से कहीं सख्त होने जा रहे हैं।
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने घोषणा की है कि अब हर विदेशी नागरिक यहां तक कि ग्रीन कार्ड होल्डर्स को भी देश में आते या जाते वक्त फोटो और बायोमेट्रिक डेटा देना होगा।
अब तक 14 साल से कम और 79 साल से अधिक उम्र के यात्रियों को इस प्रक्रिया से छूट मिली हुई थी, लेकिन नया सिस्टम इस राहत को खत्म कर देगा।
यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के अधिकारी हर गैर-अमेरिकी नागरिक की फोटो और अन्य बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र करेंगे।
सभी एंट्री पॉइंट्स पर फेशियल रिकग्निशन
CBP पहले से ही कुछ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर यात्रियों की पहचान के लिए फेशियल रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन अब यह तकनीक सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स यानी हवाई, समुद्री और जमीनी सीमाओं पर अनिवार्य होगी।
अधिकारियों के मुताबिक, इससे जाली दस्तावेजों के उपयोग पर रोक, वीजा ओवरस्टे की निगरानी और राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूती मिलेगी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में अमेरिका में लगभग 1.1 करोड़ अवैध अप्रवासी रह रहे हैं, जिनमें से करीब 42% वीजा ओवरस्टे वाले हैं।
यानी वे लोग जो वैध वीजा के साथ आए, लेकिन तय समय के बाद भी देश नहीं छोड़ा। DHS का कहना है कि नया सिस्टम ऐसे मामलों की सटीक पहचान और निगरानी में मददगार साबित होगा।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम
नए सिस्टम के तहत, CBP अधिकारियों द्वारा हर यात्री की फोटो और पासपोर्ट जानकारी को डिजिटल डेटाबेस में जोड़ा जाएगा।
एंट्री या एग्जिट पॉइंट पर ली गई तस्वीरों की रियल-टाइम में तुलना पहले से मौजूद फोटो से की जाएगी, ताकि पहचान की पुष्टि की जा सके।
सरकार का दावा है कि इस सिस्टम से फर्जी पहचान और धोखाधड़ी वाले मामलों में भारी कमी आएगी।
अमेरिकी कांग्रेस ने 1996 में ऑटोमेटेड एंट्री-एग्जिट सिस्टम को मंजूरी दी थी, लेकिन इसे कभी पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका।
अब ट्रंप प्रशासन ने इस प्रणाली को पूरी तरह से लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। अनुमान है कि अगले पांच वर्षों के भीतर यह प्रक्रिया हर बॉर्डर पॉइंट पर लागू होगी।















Leave a Reply