नहीं सुलझ पायी VIP की गुत्थी
उत्तराखंड में 2022 में घटित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे राज्य ही नहीं, देशभर में आक्रोश की लहर फैला दी। 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता, जो एक रिज़ॉर्ट में कार्यरत थी, की हत्या ने महिला सुरक्षा, सामाजिक नैतिकता और सत्ता से जुड़े अपराधों की बहस को तेज कर दिया।
यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि VIP संरक्षण, यौन उत्पीड़न और सबूत मिटाने की सोची-समझी साजिश के रूप में सामने आया।
अदालती निर्णय: दोषियों को मिली कठोर सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटद्वार की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उन्हें निम्न सजाएं सुनाईं:
➤ पुलकित आर्य:
धारा 302 (हत्या) – आजीवन कठोर कारावास + ₹50,000 जुर्माना
धारा 201 (सबूत मिटाना) – 5 वर्ष कठोर कारावास + ₹10,000 जुर्माना
धारा 354A (यौन उत्पीड़न) – 2 वर्ष कठोर कारावास + ₹10,000 जुर्माना
ITPA 3(1)(D) – 5 वर्ष कठोर कारावास + ₹2000 जुर्माना
➤ सह-अभियुक्त सौरभ व अंकित:
धारा 302 – आजीवन कठोर कारावास + ₹50,000 जुर्माना
धारा 201 – 5 वर्ष कठोर कारावास + ₹10,000 जुर्माना
ITPA – 5 वर्ष कठोर कारावास + ₹2000 जुर्माना
₹4 लाख प्रतिकर पीड़िता के परिवार को देने का आदेश

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