तोड़ा 150 साल पुराना रिकॉर्ड
दुनिया में अपनी उन्नत तकनीक और तेजी से घटती जनसंख्या के लिए मशहूर जापान ने मंगलवार, 21 अक्टूबर को इतिहास रच दिया। जापान की संसद ने पहली बार एक महिला को देश का प्रधानमंत्री चुना है।
जापान की स्थापना के लगभग 150 वर्षों में यह पहली बार है जब किसी महिला ने प्रधानमंत्री पद संभाला है। ताकाइची की नियुक्ति न केवल जापान के इतिहास में बल्कि एशियाई राजनीति में भी एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
साने ताकाइची (Sanae Takaichi) ने संसद के निचले सदन में बहुमत हासिल कर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया।
संसद में मतदान के बाद ताकाइची के नाम को मंजूरी मिल गई। अब वे औपचारिक रूप से जापान के सम्राट नारुहितो से मिलकर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी।
यह फैसला जापानी राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि अब तक देश की सत्ता पर पुरुष नेताओं का ही दबदबा रहा है।
ग्लास सीलिंग टूटी: महिलाओं की हिस्सेदारी अब भी 20% से कम
जापान की संसद में महिलाओं की संख्या 20 प्रतिशत से भी कम है। वहीं देश की बड़ी कंपनियों और सरकारी संस्थानों में भी महिला नेतृत्व बहुत कम देखने को मिलता है।
ऐसे में साने ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना जापानी राजनीति में ग्लास सीलिंग तोड़ने वाला कदम माना जा रहा है।साने ताकाइची?
साने ताकाइची को जापान की राजनीति में एक रूढ़िवादी और सख्त तेवरों वाली नेता के रूप में जाना जाता है। वे चीन के प्रति सख्त रुख और राष्ट्रवादी नीतियों की समर्थक मानी जाती हैं।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) से आने वाली ताकाइची पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं। उन्होंने पहले भी कैबिनेट में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है।
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