Sanchar Saathi App को अनिवार्य बनाने की शर्त खत्म
Sanchar Saathi App Pre-Installation Rule Withdrawn: केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्मार्टफोन में Sanchar Saathi App को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के फैसले को टालने का ऐलान कर दिया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब यह ऐप वैकल्पिक रहेगा और कोई भी यूज़र इसे जब चाहे अनइंस्टॉल कर सकता है। सरकार के अनुसार, यह फैसला बढ़ते जन-विरोध और निजता से जुड़े सवालों के कारण लिया गया है।
क्यों बदला गया फैसला
सरकार के अनुसार, Sanchar Saathi ऐप को अनिवार्य करने का उद्देश्य आम नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी, फ्रॉड कॉल्स और फिशिंग अटैक से बचाना था।
हालांकि, जब इस फैसले पर संवैधानिक अधिकारों और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठे, तब सरकार ने नीति में संशोधन किया।
PIB के बयान के मुताबिक:
“यह ऐप पूरी तरह सुरक्षित है, इसमें कोई ट्रैकिंग, सर्विलांस या डेटा कलेक्शन नहीं होता। इसका उद्देश्य केवल साइबर सुरक्षा है।”
1.4 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा पार
सरकार ने यह भी बताया कि अब तक 1.4 करोड़ यूजर्स Sanchar Saathi App डाउनलोड कर चुके हैं।
इसके अलावा:
- रोज़ाना 2,000+ फ्रॉड रिपोर्ट हो रही हैं
- 2 दिसंबर को अकेले 6 लाख नए यूज़र्स जुड़े
- डाउनलोड रेट में 10 गुना उछाल दर्ज किया गया
इससे यह संकेत मिलता है कि स्वैच्छिक आधार पर ही लोग इस ऐप को तेजी से अपनाते जा रहे हैं।
सरकारी आदेश
पहले केंद्र सरकार का निर्देश था कि:
- हर नए स्मार्टफोन में ऐप प्री-इंस्टॉल होगा
- यूज़र इसे हटाए नहीं पाएगा
- ऐप सेट-अप स्क्रीन पर अनिवार्य रूप से दिखेगा
- 90 दिन में कंपनियों को लागू करना अनिवार्य
- 120 दिन में रिपोर्ट देनी होगी
क्यों हुआ विरोध
जैसे ही यह आदेश सामने आया:
- विपक्ष ने इसे “डिजिटल सर्विलांस” बताया
- टेक एक्सपर्ट्स ने प्राइवेसी पर खतरे की आशंका जताई
- सोशल मीडिया पर नागरिकों का जबरदस्त विरोध हुआ
इसी दबाव के कारण सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
अब यूज़र के पास अधिकार
अब से:
- App इंस्टॉल करना पूरी तरह वैकल्पिक है
- यूज़र कभी भी अनइंस्टॉल कर सकता है
- कोई ज़बरदस्ती नहीं होगी
- फोन निर्माता को प्री-इंस्टॉल का आदेश नहीं

















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