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सरोकारों से साक्षात्कार

सुप्रीम कोर्ट से लक्ष्य सेन को मिली राहत

जन्म प्रमाण पत्र जालसाजी मामले में एफआईआर रद्द

बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन और उनके परिवार को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने जन्म प्रमाण पत्र जालसाजी मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।

अदालत ने कहा कि इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रखना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। विस्तृत आदेश शाम तक जारी किया जाएगा।

जानें क्या है मामला

शिकायतकर्ता एम. जी. नागराज ने आरोप लगाया था कि लक्ष्य सेन और उनके भाई चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्र में हेराफेरी की गई। उनका दावा था कि उनकी उम्र लगभग ढाई साल कम दर्शाई गई, ताकि वे आयु-प्रतिबंधित टूर्नामेंट में खेल सकें और सरकारी लाभ प्राप्त कर सकें।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि जांच के लिए पर्याप्त सबूत हैं और शिकायतकर्ता द्वारा आरटीआई के जरिए मिले दस्तावेज जांच की आवश्यकता को साबित करते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मौजूदा परिस्थितियों में केस को जारी रखना उचित नहीं है और एफआईआर को रद्द कर दिया।

आरोप और धाराएं

पुलिस ने इस मामले में लक्ष्य सेन, उनके माता-पिता धीरेन्द्र और निर्मला सेन, भाई चिराग सेन, कोच यू विमल कुमार और कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन के एक कर्मचारी पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया था।

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