भारतीय रेलवे ने पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज है। यह पुल मुख्य भूमि के मण्डपम को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ेगा।
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तमिलनाडु में मदुरै स्थित रामनाथपुरम जिले के मंडपम को रामेश्वरम से जोड़ने के लिए 550 करोड़ रुपये की लागत से पंबन ब्रिज पर एक नया रेलवे पुल बनाया गया है।
पुल लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुका है और जहाजों के आवागमन के लिए पुल के बीच में वर्टिकल लिफ्टिंग और अनलोडिंग सुविधा वाला सस्पेंशन ब्रिज बनाया गया है। समय-समय पर ट्रेन ट्रायल भी किए जा रहे हैं।
पंबन ब्रिज की लंबाई करीब 2.05 किलोमीटर है। इसके जरिए ट्रेनों को भारत की मुख्य भूमि और तमिलनाडु में रामेश्वरम द्वीप के बीच पांच मिनट से भी कम समय में समुद्र पार किया जा सकता है।
72.5 मीटर लंबा वर्टिकल लिफ्ट स्पैन जहाजों के आवागमन के लिए ऊपर उठाया जाएगा। यह देश का पहला वर्टिकल समुद्री ब्रिज है, जिसमें 660 मीट्रिक टन वजनी स्पैन है।
रामेश्वरम् तीर्थ क्षेत्र को रेलवे नेटवर्क से को जोड़ने वाला पम्बन सागरीय ब्रिज आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

बंद हो चुका है अंग्रेजों के ज़माने का पंबन ब्रिज
नए ब्रिज से पहले ब्रिटिश काल में बना पुराना पम्बन ब्रिज लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। सन 1914 में बना पुराना ब्रिज भी जहाजों के आवागमन के लिए दो भागों में खुलता था।
बाद में, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इसका पुनर्निर्माण किया गया था। बंगाल की खाड़ी से अरब सागर को जोड़ने वाले समुद्री रूट के लिए यह ब्रिज सौ सालों से महत्वपूर्ण कड़ी रहा है।
इसकी अहमियत को देखते हुए अब नई तकनीक के साथ इसका निर्माण हुआ है। नया ब्रिज पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है और एक क्लिक पर 5 मिनट 8 सेकंड में ऊपर उठ जाता है।
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