लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस समर्थक वोटरों के नाम सॉफ्टवेयर और कॉल सेंटर की मदद से योजनाबद्ध तरीके से मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
राहुल का कहना है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस साज़िश को बचा रहे हैं और इससे लोकतंत्र की नींव पर हमला हो रहा है।
कांग्रेस वोटरों को बनाया गया निशाना
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांग्रेस वोटरों को खासतौर पर टारगेट किया गया। कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से 6,018 नाम मतदाता सूची से डिलीट कर दिए गए।
राहुल ने मंच पर एक शख्स को बुलाकर उदाहरण दिया कि उनके नाम से महज़ 14 मिनट में 12 लोगों के वोट डिलीट कर दिए गए, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
राहुल गांधी का आरोप है कि यह कोई लोकल लेवल पर किया गया काम नहीं है, बल्कि कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सेंट्रलाइज्ड तरीके से वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए।
कई बार बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों से लॉगिन कर मतदाताओं के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने दावा किया कि 38 सेकंड में दो फॉर्म भरकर वोट डिलीट करने तक के सबूत उनके पास मौजूद हैं।
चुनाव आयोग पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक CID ने पिछले 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखे और नाम डिलीट करने वालों के OTP ट्रेल, IP एड्रेस और डिवाइस की जानकारी मांगी।
लेकिन आयोग ने कोई सहयोग नहीं किया। उनका कहना है कि आयोग को सब पता है, फिर भी वह दोषियों को बचा रहा है।
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि अगर उनके पास सबूत हैं तो उन्हें शपथपत्र के साथ आयोग या अदालत के सामने पेश करना चाहिए।
वहीं, कर्नाटक सरकार के कानून मंत्री एच.के. पाटिल ने आयोग से आग्रह किया है कि इन आरोपों को suo motu शिकायत मानकर कार्रवाई शुरू की जाए।

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