उत्तराखंड सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित सहकारिता मेला 2025 के अंतर्गत रात्रिकालीन सांस्कृतिक एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों का शुभारंभ गुरुवार, 09 अक्टूबर रात्रि को किया गया।
कार्यक्रम के दौरान थारू सांस्कृतिक उत्थान समिति, खटीमा के कलाकारों ने अपनी आकर्षक प्रस्तुतियां दी।
थारू जनजाति उत्तराखंड की तराई क्षेत्र की एक प्राचीन और समृद्ध संस्कृति वाली जनजाति है। उनकी लोक परंपराएँ, नृत्य और गीत प्रकृति से गहराई से जुड़े हुए हैं।
रंगीन पारंपरिक वेशभूषा, लोकसंगीत और समूह नृत्य थारू समाज की सांस्कृतिक पहचान हैं। मेले में प्रस्तुत उनके लोकनृत्य और गीतों ने न केवल दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया बल्कि उत्तराखंड की विविध सांस्कृतिक विरासत का सुंदर प्रदर्शन भी किया।

मुख्य अतिथि गणेश भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण युवाओं को निःशुल्क ब्याज पर ऋण प्रदान करना, महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक सहयोग देना और गांवों के उत्पादों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ना जैसे कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर हैं।
इसके अलावा कार्यक्रम में देशभक्ति गीत ‘संदेशे आते हैं’ और अन्य सुंदर प्रस्तुतियों ने समा बांधे रखा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता देवेंद्र मणि मिश्रा ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में गुड्डी गैरोला, सुनीता गैरोला, अंजनी देवी भंडारी एवं शुभम प्रभाकर मौजूद रहे।
इस मौके पर पार्षद दिनेश पटवाल, पंकज सती, संदीप रावत एवं अक्षितेश नैथानी सहित कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सीमा भंडारी ने किया।

















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