नंदानगर हादसे के बेस अस्पताल में भर्ती घायलों ने बताई आपबीती
अमीषा गोस्वामी
नंदानगर क्षेत्र के कुंतरी लगा फाली गाँव, धूरमा और सेरा गांव में 17 सितम्बर को हुई भारी बारिश और अतिवृष्टि ने लोगों की ज़िंदगी हिला कर रख दी है।
घटना के तीन दिन बाद भी इस आपदा में घायल हुए पीड़ित उस पल को याद कर सिहर उठते है।
घायल 10 लोगों को श्रीकोट बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें 8 पुरुष और 2 महिलाएँ शामिल हैं।
घायलों से उनकी कुशल क्षेम पूछी, तो उन्हें त्रासदी का वह मंजर याद हो आया। किसी ने रुंधे गले से, तो किसी ने भयभीत स्वरों में उन त्रासद पलों की जानकारी दी।
ऐसा रहा दर्दनाक मंजर

- 60 वर्षीय रघुवीर सिंह ने बताया कि घटना के समय पूरा परिवार सो रहा था। उनकी पत्नी सजीता देवी और बहू प्रियंका मलबे में दब गए। सुबह लोगों ने छत तोड़कर उन्हें बाहर निकाला।

- 9वीं की छात्रा 14 वर्षीय मीनाक्षी ने बताया कि घटना को याद करती हूं तो दिल दहल जाता है। वह श्राद्ध पक्ष में अपनी दीदी लता देवी के यहाँ आई थी, लेकिन यह त्रासदी हमेशा के लिए उसकी स्मृतियों में दर्ज हो गई।

- 22 वर्षीय हेमा देवी सुबह 4 बजे चाय बना रही थीं। अचानक ज़ोरदार आवाज़ आई और देखते ही देखते मलबा उनके ऊपर आ गिरा। उनके सिर पर गंभीर चोट आई, लेकिन उन्होंने किसी तरह जान बचाई।
उपचार हेतु लाये गये आपदाग्रस्त घायल मरीजों की सूची
- सुरेशी देवी (45 वर्ष)
- पूर्ण देवी (45 वर्ष)
- भीम सिंह (55 वर्ष)
- साजिता देवी (56 वर्ष)
- शांति देवी (65 वर्ष)
- सुशीला देवी (34 वर्ष)
- रघुवीर सिंह (60 वर्ष)
- हेमा देवी (21 वर्ष)
- संजय (43 वर्ष)
- मीनाक्षी (12 वर्ष)
गाँव में हर तरफ़ टूटी दीवारें, बिखरा सामान और बेसहारा लोग नज़र आ रहे हैं। बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक सब अपने घरों और अपनों को ढूँढ रहे हैं।
स्थानीय लोग और बचाव दल लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह लापता लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। यह आपदा न केवल घरों को उजाड़ गई, बल्कि कई परिवारों की खुशियाँ भी साथ ले गई है।
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