पहलगाम हमले के बाद अमेरिका की कड़ी कार्रवाई, लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा गया TRF
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई हुई है। अमेरिका ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन The Resistance Front (TRF) को आधिकारिक रूप से Foreign Terrorist Organization (FTO) घोषित कर दिया है।
इसके साथ ही TRF को Specially Designated Global Terrorist (SDGT) की सूची में भी शामिल किया गया है। यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने की।
TRF अब लश्कर-ए-तैयबा का ही हिस्सा माना गया
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि TRF को अब सीधे तौर पर पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ कर देखा जाएगा। यह कार्रवाई भारत और अमेरिका दोनों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है।
रुबियो ने कहा: “आज हम TRF को FTO और SDGT के रूप में नामित कर रहे हैं। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
2008 मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक पहलगाम हमला
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम में हुआ यह हमला 2008 मुंबई आतंकी हमलों के बाद सबसे बड़ा हमला था, जिसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई। हमले की जिम्मेदारी पहले TRF ने ली थी, लेकिन बाद में बयान बदलते हुए संगठन ने इससे इनकार कर दिया।
TRF का गठन और पाकिस्तान से संबंध
TRF की स्थापना वर्ष 2019 में हुई थी, जब भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया था। इसके बाद निष्क्रिय हो चुके लश्कर के आतंकियों और हिजबुल मुजाहिदीन के कुछ सक्रिय सदस्यों ने मिलकर इस नए आतंकी संगठन को खड़ा किया। इसे अक्सर “Kashmir Resistance” के नाम से भी जाना जाता है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और जरूरी संदेश है।
TRF को लश्कर का ही एक नया रूप माना जा रहा है, जिसे सिर्फ नाम बदलकर नए रूप में पेश किया गया है ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचा जा सके। अमेरिका के इस कदम से अब TRF पर कड़े प्रतिबंध लागू होंगे और संगठन की वैश्विक गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
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