प्रीलिम्स के सवालों की दोबारा होगी जांच
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा आयोजित संयुक्त राज्य सिविल और प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (Uttarakhand PCS Exam) की मुख्य परीक्षा पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
यह परीक्षा 6 से 9 दिसंबर के बीच होनी थी, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) के कुछ सवालों पर उठी आपत्तियों के बाद अदालत ने यह अहम फैसला लिया है।
क्या कहती है याचिका
हरिद्वार निवासी कुलदीप राठी समेत कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि प्रारंभिक परीक्षा के कुछ प्रश्न:
- तथ्यात्मक रूप से गलत थे
- उनके विकल्प स्पष्ट नहीं थे
- चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इन त्रुटियों से मेरिट प्रभावित हुई है और कई योग्य उम्मीदवार बाहर हो सकते हैं।
कोर्ट की सख्ती और निर्देश
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद आयोग को कड़े निर्देश दिए।
अदालत के प्रमुख आदेश:
- प्रश्न क्रमांक 70 को परीक्षा से पूरी तरह हटाने का आदेश
- अन्य तीन विवादित सवालों को विशेषज्ञ समिति से दोबारा जांच कराने का निर्देश
- संशोधित उत्तर कुंजी और नई मेरिट सूची तैयार करने को कहा गया
- जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक मुख्य परीक्षा पर अस्थायी रोक
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष समीक्षा के बिना परीक्षा कराना तर्कसंगत नहीं होगा।
भर्ती प्रक्रिया पर असर
यह पूरा मामला 2024–25 की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है। इसके तहत:
- डिप्टी कलेक्टर
- पुलिस उपाधीक्षक (DSP)
- खंड विकास अधिकारी (BDO)
सहित 123 पद भरे जाने हैं।
प्रारंभिक परीक्षा में:
- जनरल स्टडीज: 150 अंक
- सीएसटी: 150 अंक
के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए चयन हुआ था। अब प्रश्नों में बदलाव से कई अभ्यर्थियों की रैंकिंग बदल सकती है।
अभ्यर्थियों में बेचैनी
परीक्षा टलने से उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति है।
कुछ ने फैसले का स्वागत किया तो कई छात्र आगे की तारीख को लेकर चिंतित हैं।
आयोग को अब कोर्ट के निर्देशों के अनुसार प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसके बाद नई मेरिट सूची जारी की जाएगी।















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