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शीतकाल में श्रद्धालु चमोली के प्रमुख मंदिरों का कर सकेंगे दीदार

उत्तराखंड के चमोली जिले में शीतकालीन यात्रा शुरू

श्रद्धालु माता नंदा देवी, अनसूया माता और अन्य दर्शनीय स्थलों का आनंद ले सकते हैं

अभिषेक रावत

चमोली शीतकालीन यात्रा 2025: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के समापन के साथ ही

चमोली जिले के शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पूजा-अर्चना शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार राज्य सरकार ने

शीतकालीन यात्रा की व्यवस्थाएं (चमोली शीतकालीन यात्रा 2025) चाक चौबंद कर दी हैं।

चमोली शीतकालीन यात्रा 2025 के प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थल

1- मां नंदा देवी सिद्धपीठ, कुरुड

बदरीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुरुड़ गांव में मां नंदा देवी का मंदिर है।

माता को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है।

2- संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर

चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी सड़क और 5 किमी पैदल दूरी पर स्थित यह मंदिर निसंतान दंपत्तियों के लिए खास है।

दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनसूया माता मेला आयोजित होता है।

3- पीनाथ मंदिर, गोपेश्वर

गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है और भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है।

मंदिर परिसर में विशाल त्रिशूल स्थित है, जिसकी धातु अब भी सुरक्षित है।

4- बाबा बर्फानी, नीती घाटी

चीन सीमा के निकट स्थित नीती घाटी में बाबा बर्फानी की गुफा है। जालीग्रांट हवाई अड्डा से लगभग 354 किलोमीटर दूरी तय करके यह स्थल पहुंचा जा सकता है। गुफा तक पहुँचने के लिए 2 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी होती है।

चमोली शीतकालीन 2025 पर्यटन स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य

1- हिम क्रीड़ा स्थल औली

ज्योर्तिमठ ब्लॉक से 12 किमी की दूरी पर स्थित औली में विश्व स्तरीय स्कीइंग स्लोप और शीतकालीन खेलों का आयोजन होता है।

2- एस्ट्रो विलेज बेनीताल

कर्णप्रयाग ब्लॉक से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित बेनीताल में खगोलीय घटनाओं और ग्रह-नक्षत्रों का दीदार किया जा सकता है। राज्य सरकार ने इसे एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित किया है।

कर्णप्रयाग

बदरीनाथ हाईवे पर 175 किलोमीटर दूर कर्णप्रयाग अलकनंदा और पिंडर नदियों के संगम स्थल पर स्थित है। यहाँ कर्ण मंदिर और मां उमा देवी के दर्शन संभव हैं।

ज्योर्तिमठ

बदरीनाथ हाईवे पर 260 किलोमीटर दूर स्थित यह नगर शीतकाल में बर्फबारी के दौरान दर्शनीय होता है। नगर में नृसिंह मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी, नव दुर्गा मंदिर और उत्तराम्नाय मठ दर्शनीय हैं।

3- आदिबद्री

कर्णप्रयाग नगर से 19 किलोमीटर दूर स्थित आदिबद्री मंदिर समूह में गढ़वाल नरेश की राजधानी चांदपुर गढ़ी और राजराजेश्वरी मंदिर शामिल हैं।

अन्य दर्शनीय स्थल

बैरासकुंड, वृद्ध बदरी, कल्पेश्वर, ब्रह्मताल, भेकलताल, उर्गम घाटी, निजमुला घाटी, देवताल, बेनीताल, रुपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, पोखरी का बामनाथ मंदिर, मोहनखाल, ग्वालदम, वांण लाटू मंदिर, बधांण गढ़ी आदि स्थलों का भी दीदार शीतकाल में संभव है।

https://regionalreporter.in/rbi-repo-rate-reduced/
https://youtu.be/YRWlr0OJc7M?si=30u6gwaHWot2gr3A

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