क्रौच पर्वत तीर्थ में देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी की तपस्थली पर चल रहे 11 दिवसीय महायज्ञ और पुराणवाचन का धार्मिक वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन इस अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं और पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
विद्वान आचार्यों द्वारा हवनकुंड में जौ, तिल, जटामासी, पुष्प, अक्षत आदि की आहुतियाँ दी जा रही हैं। वेद ऋचाओं, जयघोषों और महिलाओं द्वारा प्रस्तुत धार्मिक भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया है।

कार्तिक स्वामी की महिमा और क्रौच पर्वत का महत्व
कथावाचक वासुदेव प्रसाद थपलियाल ने भगवान कार्तिक स्वामी की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि राक्षसराज तारकासुर का वध कर देवताओं को भयमुक्त कराने हेतु भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ। वध के पश्चात उन्हें देव सेनापति की पदवी से विभूषित किया गया। क्रौच पर्वत तीर्थ न केवल धार्मिक रूप से बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य में भी समृद्ध है।
महायज्ञ के दौरान 14 जून को बीहड़ चट्टानों के बीच से एक विशाल जल कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। 15 जून को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा।
पंडित सुधीर नौटियाल, दिनेश थपलियाल, दीपक चमोला, अयोध्या भट्ट, नवीन कांडपाल, सुभाष भट्ट, अरविंद भट्ट और कृष्णानंद गैरोला जैसे विद्वानों द्वारा प्रतिदिन हवन किया जा रहा है। भक्ति के साथ विश्व समृद्धि और क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जा रही है।
महाकाल उज्जैन रूद्रनाथ के तत्वावधान में प्रतिदिन भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा रहा है।
पिथौरागढ़ से पहली बार यात्रा पर पहुंची श्रद्धालु ममता जोशी ने कहा कि क्रौच पर्वत तीर्थ वास्तव में धरती पर स्वर्ग के समान है और यहाँ हर कदम पर दिव्यता का अनुभव होता है।
सरकारी प्रयास और जन सहभागिता की अपील
मंदिर समिति के अध्यक्ष बिक्रम सिंह नेगी ने बताया कि 14 जून की जल कलश यात्रा के लिए तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं और प्रदेश सरकार तीर्थ के चहुंमुखी विकास में जुटी हुई है। समिति के अन्य पदाधिकारियों—पूर्ण सिंह नेगी, बलराम सिंह नेगी, रमेश सिंह नेगी, उत्तमराज नेगी आदि ने आम जनता से सहयोग की अपील की है।
भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका सीमा गुसाईं, आनंद सिंह राणा सहित सैकड़ों श्रद्धालु महायज्ञ में भाग ले चुके हैं।