महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 192 हो गई है। 167 मरीजों में सिंड्रोम की पुष्टि हुई है, जबकि 7 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें कि 01 व्यक्ति के मौत की पुष्टि जीबीएस से हुई है और अन्य 06 मौते संदिग्ध बताई गई हैं।
जानकारी के अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से आई हैं। यहां पानी के सैंपल में कैंपिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया पॉजिटिव पाया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आस-पास के इलाकों में GB सिंड्रोम प्रदूषित पानी के कारण फैला है। पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और आसपास के इलाके में 11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट को सील कर दिया है।
बता दें कि, अब तक 48 मरीज ICU में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं। एक्टिव केसों में 39 मरीज पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, 91 पुणे से लगे गांवों से, 29 पिंपरी चिंचवाड़, 25 पुणे ग्रामीण से और 8 अन्य जिलों से हैं।