दिल्ली विधानसभा सत्र का मंगलवार, 25 फरवरी को सदन की कार्यवाही की शुरुआत, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण से शुरू हुई। अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी के MLA ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
अभिभाषण के दौरान हंगामा को देखते हुए, सदन के स्पीकर/ अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने हंगामा करने वाले विधायकों को एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखाया।
विधायकों को बाहर निकालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों का सहारा लिया। सदन की कार्यवाही में हंगामा मचाने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत सभी 22 विधायकों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया।
आप के विधायक को दिखाया बाहर का रास्ता
दिल्ली विधानसभा में एलजी के अभिभाषण के दौरान आप के विधायकों ने जैसे ही हंगामा करना शुरू किया, अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक्शन लेना शुरू कर दिया।
आप के विधायक नारेबाजी और हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री के कमरे से भीमराव अंबेडकर की मूर्ति हटा दी गई है।
आप विधायकों के हंगामे को देखते हुए स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत सभी 22 विधायकों को आधे घंटे के भीतर सदन से पूरे दिन के लिए सस्पेंड कर दिया और मार्शलों को AAP विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया।
निलंबित विधायकों को 27, 28 फरवरी को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
AAP का विरोध प्रदर्शन
पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, बीजेपी ने मख्यमंत्री कार्यालय में डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो की जगह पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी है। मैं बीजेपी से पूछना चाहती हूं कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी, डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से बड़े हैं? क्या वह डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जगह ले सकते हैं?
इसी के खिलाफ AAP ने प्रदर्शन किया और हम सदन से लेकर सड़क तक इसके खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर उनकी जगह पर वापस नहीं लग जाती।
सदन में की गई कैग रिपोर्ट पेश
कैग की इस रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति और शराब की आपूर्ति से जुड़े हुए नियमों के कार्यान्वयन में कई खामियां देखने को मिली हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि, आबकारी विभाग की नीतियों और उनके क्रियान्वयन में कई सारी कमियां हैं, जिससे सरकार को करीब 2 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
दिल्ली सरकार के कुल कर राजस्व का भी लगभग 14 प्रतिशत योगदान आबकारी विभाग से ही मिलता है। ये विभाग शराब के साथ अन्य नशीले पदार्थों के भी बिजनेस को कंट्रोल करता है और विनियमित करता है।