प्रदेश में पिरूल के लिए 7 नई यूनिटें होंगी स्थापित

उत्तराखंड में पिरूल के एकत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है चीड़ की पत्ती के उपयोग को बढ़ाने और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने का प्रयास कर रही है।

इस कड़ी में उत्तराखंड वन विभाग भी राज्य भर में इससे जुड़े उद्यमियों को चिन्हित कर रहा है साथ ही पिरूल के एकत्रीकरण को प्रोत्साहित करने की भी कोशिश की जा रही है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें चीड़ आच्छादित क्षेत्रीय रेंज में कम से कम एक यूनिट स्थापित करने पर बल दिया गया। इस दौरान अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मौजूदा समय में स्थापित यूनिटों को प्रोत्साहित करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में 7 नई यूनिट स्थापित करने पर सहमति जताई गई। जिनमें दो यूनिट अल्मोड़ा, दो यूनिट चंपावत, एक यूनिट गढ़वाल और एक नरेंद्र नगर में स्थापित करने पर निर्णय लिया गया है।

चीड़ आच्छादित वन प्रभागों की 57 रेंजों के अंतर्गत कम से कम एक ब्रिकेट्स यूनिट स्थापित का लक्ष्य भी तय किया गया है। वन विभाग के सभी अधिकारियों को जितने भी लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा दिए गए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने के निर्देश जारी हुए हैं।

राज्य सरकार पिरूल के उपयोग को बढ़ाने और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इस दिशा में वन विभाग वन क्षेत्रों में पिरूल के एकत्रीकरण को प्रोत्साहित करने का भी प्रयास कर रहा है। इसके लिए पिछले दिनों पिरूल की कीमतों में बढ़ोतरी के जरिए क्षेत्रीय लोगों को इससे जोड़ने का प्रयास किया गया। इसके अलावा ऐसे उद्यमियों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जो इससे जुड़े कार्यों को आगे बढ़ा सके।

दरअसल वन विभाग का लक्ष्य है कि पिरूल का जितना भी एकत्रीकरण हो रहा है, उसका उपयोग हो, ताकि इससे ब्रिकेट्स उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके।

इसके लिए यूनिटों को स्थापित करने के दौरान जिलाधिकारी और जिला उद्योग अधिकारियों के साथ ही सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं।

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https://youtu.be/kYpAMPzRlbo?si=guNYElOZoN2rDq-K

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