तुंगनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही में भारी इजाफा

58 दिनों में 88 हजार श्रद्धालुओं ने किए बाबा तुंगनाथ के दर्शन

हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार तुंगना धाम में तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा धीरे – धीरे नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है।

तुंगनाथ घाटी में लगातार हो रही झमाझम बारिश से भुजगली से चन्द्र शिला तक के भू-भाग में फैले सुरम्य मखमली बुग्याल हरियाली से आच्छादित होने के कारण तुंगनाथ यात्रा पड़ावों की खूबसूरती बढ़ने लगी है।

जानकारी के अनुसार, तुंगनाथ धाम में मात्र 58 दिनों में 88 हजार, 064 तीर्थ यात्रियों ने पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की है जबकि पिछले वर्ष यह आकंडा 86 दिनों में पार हुआ था।

इस वर्ष तुंगनाथ धाम में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होने के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है।

तुंगनाथ घाटी में इन दिनों मानसून लौटने के बाद तुंगनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में हल्की गिरावट देखने को मिली है मगर आगामी दो सप्ताह बाद शुरू होने वाले शिव जी के पवित्र सावन मास में शिव भक्तों की आवाजाही में भारी इजाफा होने की सम्भावना बनी हुई है।

बता दें कि, इस वर्ष विगत 2 मई को तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा मात्र 58 दिनों में तुंगनाथ धाम में 43 हजार 288 पुरूषों, 36 हजार 387 महिलाओं, 8 हजार 112 नौनिहालों , 256 साधु – सन्यासियो व 11 विदेशी सैलानियों ने तुंगनाथ धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित किया।

रोजगार में हो रहा इजाफा : स्थानीय

मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि तुंगनाथ धाम में पहली बार मात्र 58 दिनों में तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 88 हजार के पार पहुंचा है तथा कपाट बन्द होने तक यह आंकडा 2 लाख के पार पहुंच सकता है।

तुंगनाथ धाम प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही भारी संख्या में शुरू हो गयी थी तथा अभी तक निरन्तर जारी है।

उन्होंने बताया कि मानसून लौटने के बाद तुंगनाथ धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में हल्की गिरावट तो देखने को मिल रही है मगर सावन मास शुरू होते ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने की सम्भावना बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि चोपता से सीधे चन्द्र शिला जाने वाले पर्यटकों व सैलानियों को मन्दिर समिति के रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया है। मन्दिर समिति के रिकॉर्ड में उन्हें तीर्थ यात्रियों को दर्ज किया गया है जिन्होंने मन्दिर में पहुंचकर पूजा – अर्चना व जलाभिषेक किया है।

मन्दिर समिति के चन्द्र मोहन बजवाल ने बताया कि भुजगली से चन्द्र शिला का भूभाग हरियाली से आच्छादित होने से तीर्थ यात्री, पर्यटक व सैलानी बुग्यालों की हरियाली से रूबरू होकर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं।

सैलानियों ने बताए अपने अनुभव

लखनऊ निवासी प्रतिभा ने बताया कि इन दिनों भुजगली से चन्द्र शिला का भूभाग हरियाली से आच्छादित होने के कारण भुजगली से चन्द्र शिला का भूभाग के प्राकृतिक सौंदर्य पर चार चांद लगे हुए है इसलिए तुंगनाथ घाटी से लौटने का मन नहीं कर रहा है।

तुंगनाथ धाम व तुंगनाथ घाटी के शीर्ष पर विराजमान चन्द्र शिला की खूबसूरती से रुबरु होने के बाद ऊखीमठ लौटे इन्दौर निवासी दिशा पाठक ने बताया कि चन्द्र शिला के शिखर से प्रकृति के नयनाभिराम से सैलानी रूबरू होता है वह हमेशा मानस पटल पर अंकित रहेगा।

https://regionalreporter.in/ayush-shetty-created-history-by-winning-the-us-open/
https://youtu.be/jGaRHT7bFcw?si=3YejsVoWGoM5PqIb
लक्ष्मण सिंह नेगी
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