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सरकारी सिस्टम लापरवाह यहां से वहां भटक रहे डायलिसिस रोगी

उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रोगी किस कदर परेशान है इसका जीता-जागता उदाहरण श्रीनगर का बेस अस्पताल बना हुआ है। सोमवार, 16 दिसम्बर को डायलिसिस के लिए यहां-वहां भटक रहे रोगियों और तीमारदारों ने जब अस्पताल प्रशासन के सम्मुख अपनी पीढ़ा दर्ज की, तो बेस अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेन्डेन्ट डॉ. अजय विक्रम के पास कोई माकूल जवाब ही नहीं था।

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विस्तार

श्रीनगर के घसिया देव निवासी प्रमोद रतूड़ी मात्र 46 वर्ष के हैं। 15 वर्ष पूर्व वर्ष 2008 में उनकी दोनों किडनियां खराब हो गई। वर्ष 2009 में उनकी पत्नी विजयश्री रतूड़ी ने उन्हें अपनी एक किडनी दी।

2009 से 2023 तक प्रमोद रतूड़ी सामान्य रूप से अपनी जीवनचर्या जी रहे थे। लेकिन, जनवरी 2023 में कमर में तेज दर्द के साथ बेस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। प्रमोद रतूड़ी को दर्द निवारक दो इंजेक्शन एक साथ लगा दिए गए, ऐसा आरोप उनकी पत्नी विजयश्री रतूड़ी ने लगाया है। उनका कहना है कि उन्हीं इन्जेक्शनों के कारण उनके पति प्रमोद रतूड़ी को ट्रांसप्लांट की गई किडनी खराब हो गई।

दो दर्जन मरीजों ने किया मेडिकल सुपरिटेन्डेट का घेराव

गढ़वाल क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों से बेस अस्पताल में डायलिलिस कराने वाले करीब दो दर्जन रोगियों अथवा उनके तीमारदारों ने बेस अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेन्डेट अजय विक्रम से बेस अस्पताल में डायलिसिस शुरू कराने की मांग की।

डायलिसिस के लिए देहरादून, ऋषिकेश, सतपुली की दौड़ लगा रहे डायलिसिस रोगियों का कहना था कि, बेस अस्पताल में करीब 90 रोगी पांच माह पूर्व डायलिसिस करा रहे थे, लेकिन वर्तमान में इनमें से कई रोगी समय पर डायलिसिस न होने अथवा ठंड से बीमार हो जाने के कारण मृत हो गए हैं।

गुस्साएं रोगियों तथा तीमारदारों ने कहा कि, सरकार के साथ ही कॉलेज तथा अस्पताल प्रशासन की लापरवाही रोगियों की इस दयनीय हालत के लिए जिम्मेदार हैं।

इस मौके पर किडनी रोगी मंजाकोट टिहरी के प्रमोद रावत, श्रीनगर निवासी 22 वर्षीय मोनिका, केशवानन्द भट्ट, कर्णप्रयाग निवासी चिरंजीवी प्रसाद खण्डूडी, पोखरी चमोली निवासी अनुसूया प्रसाद, थाना रोड श्रीनगर निवासी शंकर राज तथा 40 वर्षीय विनीता समेत करीब दो दर्जन रोगी एवं तीमादार मौके उपस्थित थे। निवर्तमान सभासद विभोर बहुगुणा, श्रीकोट चौकी प्रभारी मुकेश गैरोला, ब्लड बैंक प्रभारी डा .सतीश भी इस मौके पर उपस्थित थे।

नेफ्रोलॉजिस्ट का है इंतजारः डॉ. विक्रम

साढ़े तीन माह पूर्व बेस अस्पताल के डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस कराने वाले रोगियों ने जब प्राचार्य सीएमएस रावत तथा एमएस डॉ. अजय विक्रम से शीघ्र डायलिसिस शुरू कराए जाने की मांग की तो उन्होंने जल्दी से जल्दी डायलिसिस उपकरणों को ठीक कराने तथा डायलिसिस बेस अस्पताल में शीघ्र शुरू करवाने का आश्वासन डायलिसिस कराने वाले रोगियों को दिया।

https://regionalreporter.in/simran-became-the-most-expensive-player-in-wpl-2025/

https://youtu.be/zubI3V0G1Rk?si=ooLKpF10bihZLYL7

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