दिल्ली सरकार ने ग्रैप-2 नियमों में बदलाव के बाद पुरानी डीजल बसों पर फिर से रोक लगा दी है। अब सिर्फ बीएस-6 सीएनजी या इलेक्ट्रिक बस ही दिल्ली जा सकती हैं।
इस फैसले से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 160 डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लग गई है। दिल्ली परिवहन विभाग व पुलिस ने सोमवार को उत्तराखंड परिवहन निगम की चार साधारण बसों के चालान कर दिए।
दिल्ली सरकार की ओर से ग्रैप-2 के नियमों में बदलाव के बाद दिल्ली सरकार ने पुरानी डीजल बसों पर फिर रोक लगा दी है। अब सिर्फ बीएस-6, सीएनजी या इलेक्ट्रिक बस ही दिल्ली जा सकती हैं।
ऐसे में 10 दिन बाद फिर से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 160 डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लग गई है। हालांकि, कार्बन उत्सर्जन कम होने के कारण अभी बीएस-4 वोल्वो बसों को नहीं रोका गया है।
क्या है बीएस-4 बस
भारतीय ऑटो बाजार में बिकने वाली गाड़ियों में बीएस-4 इंजन आता है। इनके ईंधन में सल्फर की मात्रा अधिक होती है। इस कारण नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन अधिक होता है।
बीएस-4 ईंधन से निकलने वाला धुआं वायु प्रदुषण का एक मुख्य कारण है। इसलिए उत्तराखंड की बीएस-4 बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
फिर प्रदूषण के रेड जोन में दिल्ली
दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। जानकारी के मुताबिक, सुबह 5 बजे प्रदूषण 416 दर्ज किया गया है। ज्यादातर इलाकों में AQI स्तर 400 के पार है।
दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में 400 पार AQI है। बीती रात से ही दिल्ली में गंभीर हालात को देखते हुए GRAP 4 लागू किया गया है। ये निर्णय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद लिया गया।
GRAP-4 के तहत क्षेत्र में कई सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे, जिनमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, उद्योगों में प्रदूषणकारी गतिविधियों की रोकथाम और डीजल वाहनों के संचालन पर कड़े नियम शामिल हैं।