पूर्व पालिकाध्यक्ष विपिन चन्द्र मैठाणी तथा उनकी बहन आशा उपाध्याय भाजपा में हुए शामिल
गंगा असनोड़ा
श्रीनगर में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे विपिन मैठाणी तथा पूर्व नगर पालिका चुनाव में उपविजेता रही उनकी बहन आशा उपाध्याय के भाजपा में शामिल में होने के बाद बीते एक माह से श्रीनगर नगर निगम मेयर पद की दावेदारी तथा महिला सीट होने के बाद अपनी पत्नियों के लिए टिकट की जुगत में लगे भाजपा कार्यकर्ताओं को भाजपा आला कमान ने साफ-साफ इशारा करा दिया है।
देहरादून में भापजा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, काबीना मंत्री तथा श्रीनगर विधायक डॉ. धन सिंह रावत,जिलाध्यक्ष सुषमा रावत, मण्डल अध्यक्ष जीतेन्द्र धिरवाण तथा श्रीनगर मेयर पद के प्रमुख दावेदारों की उपस्थिति में विपिन मैठाणी तथा उनकी बहन आशा मैठाणी उपाध्याय को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराना श्रीनगर से मेयर पद के लिए प्रत्याशी की अटकलों को विराम देते हुए स्पष्ट संकेत करता है।
अनुशासन के लिए जानी-मानी पार्टी भाजपा के सम्मुख श्रीनगर नगर निगम में मेयर पद को जीतना जितना बड़ा लक्ष्य है, दावेदारों की लम्बी फेरिश्त के बीच इस सीट को गंवाना उतना ही आसान हो गया था।
भाजपा हाईकमान को यह डर था कि दावेदारी कर रहे किसी भी पार्टी पदाधिकारी अथवा कार्यकर्ता को टिकट देने से भीतरघात की सम्भावनाएं बहुत अधिक है।
19-21 दिसम्बर को पर्यवेक्षकों की टीम ने श्रीनगर मेयर पद के लिए जो सर्वेक्षण किया, उसमें निर्दलीय प्रत्याशी होते हुए भी विपिन मैठाणी को दमदार प्रत्याशी के रूप में पाया और बृहस्पतिवार, 26 दिसम्बर को भाजपा में शामिल कर लिया है।
आखिर झुक गए मैठाणी
श्रीनगर में अलहदा ढंग से राजनीति करने वाले विपिन मैठाणी के लिए भाजपा हाईकमान के सामने झुकना कोई आसान बात नहीं थी। नीर-छीर, विवेकी, आत्मानुशासित, धैर्यवान एवं विनम्र स्वभावी विपिन चन्द्र मैठाणी के लिए यह चुनाव जीतना जितना जरूरी है, भाजपा या कांग्रेस में शामिल होना उतना ही मुश्किल।
सूत्रों की मानें, तो भाजपा में शामिल होने से पूर्व कांग्रेस के बड़े नेताओं की ओर से भी उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण मिला, लेकिन राजनीति की धुरी पर अपने ही तरीके से खेलने वाले विपिन चन्द्र मैठाणी ने अपनी आगे की राजनीति के केन्द्र में भाजपा को चुना है। अपने इसी चुनाव पर मुहर लगाते हुए उन्हें आखिर भाजपा हाईकमान के सामने झुकना पड़ा।