मदमहेश्वर घाटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आने से लाखों की वन सम्पदा स्वाहा होने से जंगलो में विचरण करने वाले जीव-जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है।
यदि समय रहते जंगलों में लगी आग पर काबू नहीं पाया गया तो जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण कर सकती है तथा मदमहेश्वर घाटी के अन्य जंगल भी भीषण आग की चपेट में आ सकते है।
जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की टीम सोमवार सुबह ही घटना स्थल के लिए रवाना हो गयी है तथा समाचार लिखे जाने तक वन विभाग द्वारा आग पर काबू पाने के प्रयास किये जा रहे है।
मदमहेश्वर घाटी से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह मदमहेश्वर घाटी के जंगल अचानक भीषण आग की चपेट में आ गये।
जंगलों में भीषण आग लगने से लाखों की वन सम्पदा स्वाहा होने के साथ जंगलों में निर्भीक विचरण करने वाले अनेक प्रजाति के जीव-जन्तुओं का जीवन भी संकट में पड़ गया है।
वन विभाग द्वारा जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के प्रयास किये तो जा रहे है मगर बीहड चट्टानों के मध्य आग लगने से आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
जानकारी देते हुए ग्रामीण आर के पहाड़ी ने बताया कि, सोमवार सुबह अचानक मदमहेश्वर घाटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गये है।
उनका कहना है कि प्रति वर्ष कई हेक्टेयर जंगलों का भू-भाग भीषण आग की चपेट में आने से लाखों की वन सम्पदा स्वाहा होने के साथ पर्यावरण को खासा नुकसान हो रहा है इसलिए वन विभाग को जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
रेज अधिकारी धीर सिह ने बताया कि, जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए 6 सदस्यीय दल घटनास्थल पहुंच चुका है तथा जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के प्रयास किये जा रहे है।