11 फरवरी से शुरू हुई जैक बोर्ड की दसवीं की परीक्षा के दौरान एक बार फिर पेपर लीक की बात सामने आई है। 20 फरवरी को परीक्षा से पहले ही विज्ञान सैद्धांतिक विषय का प्रश्न पत्र वायरल हो गया था। जैक की जांच में इसको सही पाया गया है।
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जैक बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में हिंदी और साइंस के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद जैक बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है और इसके तार कोडरमा और गिरिडीह से जुड़े होने के कारण इन दोनों जिला प्रशासन से जैक बोर्ड ने स्पष्टीकरण मांगा है।
दो दिन पहले जैक बोर्ड एग्जामिनेशन क्वेश्चन पेपर 2025 के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप क्रिएट किया गया था। इसमें एक स्कैनर का इस्तेमाल करते हुए छात्रों से प्रश्न पत्र देने के एवज में 350 की मांग की जा रही थी।
इस ग्रुप में जुड़ने के लिए इस ग्रुप का लिंक दूसरे सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल किया गया और देखते ही देखे उसे लिंक के जरिए क्वेश्चन पेपर वाले ग्रुप से 1000 से ज्यादा लोग जुड़ गए।
ग्रुप से जुड़ने के बाद जिन लोगों ने क्वेश्चन पेपर की डिमांड की उससे पहले उनसे बारकोड पर 350 रुपए मंगाया गया। उसके बाद उनके पर्सनल नंबर पर उत्तर समेत क्वेश्चन पेपर पीडीएफ में भेजा गया और पैसे मिलने के बाद उसे पीडीएफ को खोलने का पासवर्ड उक्त विद्यार्थी या उसके अभिभावक को दिया गया।
आज जब साइंस का परीक्षा खत्म होने के बाद कोडरमा के दो अलग-अलग स्कूलों में जब इसकी पड़ताल की गई तो छात्राओं ने क्वेश्चन पेपर से हूबहू मिलते हुए क्वेश्चन पेपर मिलने की बात की पुष्टि की और बताया कि इसी तरह का क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया के अलग-अलग साइट्स पर वायरल हो रहा था।