उत्तराखंड सरकार से 15 दिनों में जवाब पेश करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से पर्यावरण फंड के दुरपयोग करने के मामले में सवाल किया है। वृक्षारोपण और वन विकास के फंड से अधिकारियों ने आईफोन, लैपटॉप तक खरीद लिए। इस मामले में कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर सरकार से जवाब मांगा है।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रतिकूल पर्यावरण निधि प्रबंधन एवं योजना (कैम्पा) निधि के दुरपयोग किए जाने पर राज्य के मुख्य सचिव से 19 मार्च तक स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही, मुख्य सचिव से यदि सरकार संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देती, तो मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
अदालत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्धारित निधि से आईफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है।
कोर्ट ने कहा, “CAMPA निधि का उपयोग हरित आवरण बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। इसका गैर-स्वीकृत गतिविधियों में उपयोग और अधिनियम के अनुसार ब्याज को SCAF में जमा न करना गंभीर चिंता का विषय है। अतः हम निर्देश देते हैं कि राज्य के मुख्य सचिव अगली सुनवाई की तिथि तक इन पहलुओं पर एक हलफनामा दाखिल करें।”
कैग रिपोर्ट में खुलासा
जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की खंडपीठ ने कहा कि, कैग की रिपोर्ट में वर्ष 2019-22 के बीच कैम्पा निधि से 275.34 करोड़ रुपये का अनियमित व्यय हुआ। इसमें से 150 करोड़ रुपये का हिसाब स्पष्ट नहीं किया गया है।
कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए सरकार से जवाब मांगा है और निधि के दुरुपयोग पर पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
कैम्पा निधि का मुख्य उद्देश्य वनों का संरक्षण और पुनर्स्थापन है, लेकिन इस निधि का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद में किए जाने से सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस निधि का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।