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पौड़ी जिले में बुरांस के फूल बने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी के स्रोत

कोटद्वार से पांच टन फूल की डिमांड मिली

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में बुरांस का फूल स्थानीय समुदायों के लिए अतिरिक्त आय का महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।

राज्य में बुरांस के फूल का व्यावसायिक उपयोग बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण महिलाओं और स्थानीय समुदायों को रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर मिल रहे हैं।

पौड़ी जनपद में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत की देख रेख में ग्रामोत्थान परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक अनूठी पहल शुरू की गई है।

इस पहल के तहत स्थानीय समूहों द्वारा जंगलों से बुरांस के फूल एकत्र किए जा रहे हैं, जिनका प्रसंस्करण कर बाजार में भेजा जा रहा है।

दुगड्डा में संचालित हर्बल टी यूनिट, पौड़ी में बेडू एवं फल प्रसंस्करण इकाई और जनपद की अन्य प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से बुरांस का शरबत, जूस, चाय और औषधीय काढ़े के रूप में तैयार किया जा रहा है। फूलों को सुखाकर निजी क्रेताओं के साथ मार्केटिंग टाइअप के जरिए बेचा भी जा रहा है।

हाल ही में कोटद्वार स्थित बैन्जोज इंटरप्राइजेज के साथ एक बड़ा करार (एग्रीमेन्ट) किया गया है। कंपनी ने समूहों से 3500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 5 टन कच्चे बुरांस की मांग की है।

इस मांग को पूरा करने के लिए समूहों द्वारा बुरांस एकत्र कर कंपनी को भेजा जा रहा है। अब तक समूह 23.81 क्विंटल फूल एकत्रित कर चुके हैं। इसमें से 12.36 क्विंटल बैन्जोज इंटरप्राइजेज और 1.25 क्विंटल बेडू यूनिट को सप्लाई किया गया है।

जबकि हर्बल टी यूनिट दुगड्डा को 187 किलोग्राम सूखा और 10 क्विंटल कच्चा फूल बेचा गया है। फूलों के बिक्री से एक लाख तीन हजार 735 रुपये की आमदनी हुई है।

मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवन्त का कहना है कि आर्थिक सशक्तिकरण की इस पहल से जहां जंगलों में बेकार टूटने वाले बुरांस का सदुपयोग हो रहा है।

वहीं स्थानीय महिलाओं को अतिरिक्त आय का जरिया भी मिल रहा है। साथ ही, उपभोक्ताओं को बुरांस के औषधीय गुणों से युक्त उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर है बुरांस

औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ बुरांस का फूल अपनी खूबसूरती और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य का यह पुष्प हृदय स्वास्थ्य, एंटीऑक्सीडेंट गुणों, सूजन से राहत, पाचन सुधार, त्वचा की चमक और ब्लड शुगर नियंत्रण जैसे अनेक लाभों के लिए जाना जाता है।

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