विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल
लोक निर्माण विभाग डिविजन रूद्रप्रयाग द्वारा कोल्लू बैण्ड मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर दो वर्ष पूर्व 1 करोड़ 32 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है जिससे राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
विगत दिनों विभाग द्वारा कुछ स्थानों पर पेंच भरकर इतिश्री कर दी गयी है मगर मोटर मार्ग के 50 प्रतिशत हिस्से में डामरीकरण के उखड़ने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालो के घेरे में आ गयी है।
मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण में भारी भरकम धनराशि खर्च होने के बाद भी मोटर की हालात खस्ताहाल होने से स्थानीय जनता मे विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी भी सड़कों पर फूट सकता है।
स्थानीय जनता का कहना है कि विभागीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था की अनदेखी के कारण मोटर मार्ग पर दो वर्ष पूर्व हुए डामरीकरण के उखड़ने से मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है।

बता दें कि, कोल्लू बैण्ड – स्वारी ग्वास 8 किमी मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर लोक निर्माण विभाग डिविजन रूद्रप्रयाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 मे एक करोड़ 32 लाख रूपये पानी की तरह व्यय किये गये थे।
मोटर मार्ग पर डामरीकरण व विस्तारीकरण का कार्य शुरू होते ही स्थानीय जनता की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिये थे। मोटर मार्ग पर हुए डामरीकरण व विस्तारीकरण के अल्प समय बाद ही मोटर मार्ग के अधिकांश हिस्सों से डामरीकरण के उखड़ने से मोटर मार्ग पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है।
डामरीकरण व विस्तारीकरण में गुणवत्ता की कमी: महेन्द्र सिंह नेगी
ग्राम पंचायत क्यूडी पूर्व प्रधान महेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि मोटर मार्ग पर करोड़ो रूपये की लागत से हुए डामरीकरण व विस्तारीकरण में गुणवत्ता को दरकिनार करने से मोटर मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा बना हुआ है।
नव युवक मंगल दल अध्यक्ष दीपक नेगी ने बताया कि मोटर मोटर पर 50 प्रतिशत डामरीकरण उखड़ने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है क्योंकि, विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ो रूपये का वारा – न्यारा किया गया है।
ग्रामीण नीरज नेगी का कहना है कि यदि समय रहते मोटर पर हुए करोड़ो रूपये की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गयी तो ग्रामीणों को लोक निर्माण विभाग डिविजन रूद्रप्रयाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन व सम्बन्धित विभाग की होगी ।














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