उत्तराखंड में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे ढोंगी बाबाओं और ठग तांत्रिकों पर पुलिस ने अब शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। “ऑपरेशन कालनेमि” नाम के इस अभियान के तहत पिछले 4 दिनों में राज्यभर से कुल 111 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें से अधिकतर बाहरी राज्यों के रहने वाले हैं, जो साधु-संतों का भेष धरकर लोगों को जादू-टोना, दैवी प्रकोप और झूठे इलाज के नाम पर ठग रहे थे।
देहरादून पुलिस ने मंगलवार को अभियान की ताजा कार्रवाई में 29 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया, जिनमें से 20 अलग-अलग राज्यों से उत्तराखंड में आए हुए थे। ये सभी लोग स्वयं को साधु-संत, तांत्रिक, बाबा या वैद्य बताकर लोगों को अंधविश्वास और चमत्कार के नाम पर गुमराह कर रहे थे। पुलिस ने सभी के खिलाफ भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की संबंधित धाराओं में कार्रवाई शुरू कर दी है।
विकासनगर क्षेत्र से पुलिस ने एक विशेष समुदाय के तांत्रिक को गिरफ्तार किया है जो दैवीय प्रकोप का डर दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। उसके पास से तंत्र-मंत्र से जुड़े कुछ सामान भी बरामद हुए हैं।
प्रेमनगर में झोलाछाप दंपति का दवाखाना सील
प्रेमनगर थाने की पुलिस ने सड़क किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए एक दवाखाने पर छापा मारा, जिसे हरिद्वार के रोशनाबाद निवासी एक दंपति चला रहे थे। वे बिना किसी वैध दस्तावेज के जड़ी-बूटी से हर बीमारी के इलाज का दावा कर रहे थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दवाखाना सील कर दिया गया है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि जनता की आस्था के नाम पर जो लोग ठगी और धोखाधड़ी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जो भी साधु, बाबा या तांत्रिक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हो, उसकी तुरंत जांच कर गिरफ्तारी की जाए।
