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12 जिलों के लिए अध्यक्ष पदों का आरक्षण तय, महिलाओं को मिला खास प्रतिनिधित्व

आरक्षण पर आपत्तियों के लिए 4 अगस्त तक का समय, अंतिम सूची 6 अगस्त को आएगी

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उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं और अब अगली कड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। पंचायती राज विभाग ने 1 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण सूची का अनंतिम प्रकाशन कर दिया है। साथ ही 2 से 4 अगस्त तक आपत्तियां दर्ज कराने का समय तय किया गया है और 6 अगस्त को अंतिम सूची जारी की जाएगी।

चुनाव परिणामों में नया मोड़

चुनाव नतीजों ने सभी को चौंकाया है। जहां भाजपा एकतरफा जीत के दावे कर रही थी, वहीं परिणामों ने उसके लिए चिंता बढ़ा दी है।
कांग्रेस ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए कई ज़िलों में भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। अब सभी की निगाहें जिला पंचायत बोर्ड के गठन और अध्यक्ष पदों पर टिक गई हैं।

आरक्षण सूची में कौन कहां से

पंचायती राज विभाग द्वारा 12 जिलों के लिए जो आरक्षण सूची जारी की गई है, उसमें निम्नलिखित आरक्षण निर्धारित किए गए हैं:

जिला व आरक्षण स्थिति

  • अल्मोड़ा के लिए महिला सीट
  • बागेश्वर के लिए महिला अनुसूचित जाति
  • चंपावत के लिए अनारक्षित यानी सामान्य
  • चमोली के लिए अनारक्षित यानी सामान्य
  • देहरादून के लिए महिला सीट
  • नैनीताल के लिए अनारक्षित सीट
  • पौड़ी गढ़वाल के लिए महिला सीट
  • पिथौरागढ़ के लिए अनुसूचित जाति सीट
  • रुद्रप्रयाग के लिए महिला सीट
  • टिहरी गढ़वाल के लिए महिला सीट
  • उधम सिंह नगर के लिए पिछड़ा वर्ग
  • उत्तरकाशी के लिए अनारक्षित सीट है

राजनीतिक दलों की तैयारियाँ

चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर रणनीति तेज कर दी है। कई निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के फोन अब स्विच ऑफ मिल रहे हैं, जिससे अटकलें तेज हैं कि जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो चुकी है।

भाजपा का कहना है कि वह पूर्ण आत्मविश्वास में है और जिला अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुँचने के लिए ज़रूरी समर्थन जुटा लेगी। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर धनबल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा

“जनता ने इस बार कांग्रेस को आशीर्वाद दिया है। भाजपा का धनबल इस बार काम नहीं करेगा।”

अब आगे क्या

6 अगस्त को आरक्षण सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। इसके बाद ज़िला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए राजनीतिक खींचतान और तेज़ हो जाएगी। कौन किसे समर्थन देगा और किस ज़िले में किस दल का अध्यक्ष बनेगा — इसका फैसला अगले कुछ दिनों में सामने आ जाएगा।

https://regionalreporter.in/the-winning-pradhan-candidate-was-defeated-in-one-minute/
https://youtu.be/sLJqKTQoUYs?si=301u7ubdMhbIulfC
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