आक्रोश में प्रभावित
अब जनता मोदी घाम तापों के लगा रही नारे
महीपाल सिंह नेगी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली आपदा को लेकर कुछ सवालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
मरघट के सन्नाटे के बीच धराली गांव में मातम है, लेकिन 5 दिन बाद अब प्रभावितों में भारी गुस्सा है।
धराली गांव के किसी व्यक्ति का तीसरा बयान सामने आया, जो युवा नेता बॉबी पंवार के साथ बातचीत थी।
तीनों ही सोशल मीडिया के माध्यम से आए। पहले भरत सिंह जी का बयान सामने आया था।
मीडिया वाले धराली गांव के आपदा प्रभावितों से या तो मिल नहीं पा रहे हैं या उनकी बात आगे नहीं पहुंच पा रहे हैं। 7 मिनट की इस मोबाइल कॉल में सात बड़े सवाल हैं।
हो सकता है, कुछ लोग, खासकर आईटी सेल के ट्रोलर बोलें, कि अभी यह सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। ताकि राजनीति की जा रही है, लेकिन कई बार होता है कि सवाल पूछने में देरी हो जाए तो फिर सवाल पूछने का अर्थ ही नहीं रह जाता।
और हां, यह भी जान लीजिए कि जो महिला यह बात रख रही है, वह भाजपा से जुड़ी हुई है। ये हैं वो सवाल, जो इस बातचीत से उभरते हैं।
सवाल नंबर 1. धराली गांव के लोगों की बात मीडिया तक क्यों नहीं आ रही .?
सवाल नंबर 2. मीडिया के लोग धराली गांव वालों से क्यों नहीं मिल पा रहे .?
सवाल नंबर 3 . जिस महिला को सीएम से मिलाया गया उस वीडियो में आवाज म्यूट क्यों की गई .?
सवाल नंबर 4. नेटवर्क खराब हुआ या बंद किया गया ,.?
सवाल नंबर 5. आपदा प्रबंधन से धराली गांव अलग थलग क्यों किया जा रहा है ? सारा फोकस हरसिल पर या सड़क और पुल पर है।
सवाल नंबर 6 . आपदा से ठीक पहले धराली बाजार में जो करीब 200 लोग थे, उनमें अब कौन कहां हैं, मृत्यु या मिसिंग संख्या, क्यों नहीं बताई जा रही?
सवाल नंबर 7. क्षेत्रीय विधायक और सांसद कहां हैं क्या कर रहे हैं?
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