पर्यावरणविदों ने जताई गहरी चिंता
केदारनाथ धाम से बड़ी खबर सामने आई है। मंदिर के पीछे स्थित पहाड़ियों में ग्लेशियर टूटने की घटना दर्ज की गई है। यह घटना चोराबाड़ी क्षेत्र की ओर देखी गई है।
गनीमत रही कि इस घटना से किसी प्रकार की जनहानि या नुकसान नहीं हुआ। हालांकि लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।
बार-बार टूट रहे ग्लेशियर
जानकारी के अनुसार, विगत वर्ष भी कई बार ग्लेशियर टूटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र में तेजी से बदलते मौसम और तापमान में हो रही वृद्धि को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि केदारनाथ धाम के आसपास के ग्लेशियरों का असंतुलित होना भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
इनका टूटना और पिघलना नदियों के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है तथा नीचे बसे क्षेत्रों में अचानक बाढ़ जैसे हालात भी पैदा कर सकता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि अगर इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह बड़ी आपदा का रूप ले सकता है।
फिलहाल चोराबाड़ी की ओर हुए इस ग्लेशियर टूटने से कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन भी सतर्क है और हालात पर नज़र बनाए हुए है। बावजूद इसके, केदारनाथ धाम क्षेत्र में बार-बार होने वाली इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं।

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