ऋषिकुल योगपीठ के तत्वाधान में रविवार, 7 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय स्तर के महा-शिखर सम्मेलन में हल्द्वानी की आठ वर्षीय हर्षिका रिखाड़ी ने अपनी स्टंट जैसी लचीले योग मुद्राओं से मंच पर जलवा बिखेरा।
‘रबर डॉल’ के नाम से मशहूर हर्षिका को योग रत्न सम्मान से नवाज़ा गया, और उनकी प्रदर्शन कला को बेस्ट योग परफॉर्मेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
हर्षिका इससे पहले भी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ‘योग रत्न’ का सम्मान पा चुकी हैं, साथ ही इंडिया प्राउड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और स्वर्ण भारत सम्मान से सम्मानित भी हो चुकी हैं।
महज सात वर्ष की आयु में ही हर्षिका ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर योग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए 22 मेडल (जिसमें कई स्वर्ण पदक शामिल थे) अपने नाम किए थे।
इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय योग प्रतियोगिताओं में दो गोल्ड मेडल और कई ट्रॉफियाँ जीती हैं।
बीते वर्ष मई में, हरिद्वार में आयोजित राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता में हर्षिका ने ट्रेडिशनल योगा श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता, जिसके बाद उनका चयन कोलंबो (श्रीलंका) में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग प्रतियोगिता के लिए हुआ था

छोटी उम्र में राष्ट्रीय पहचान
वर्ष 2023 में देहरादून में आयोजित एक राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में, कक्षा 2 की हर्षिका ने आर्टिस्टिक योगासन श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
सोशल मीडिया पर भी उन्हें ‘रबर डॉल’ के नाम से पहचाना जाता है, जहाँ उनकी लचीली मुद्राओं और उत्कृष्ट योग प्रदर्शन की चर्चा होती रही है।
हल्द्वानी के रामपुर रोड देवलचौड़ निवासी हर्षिका जस गोविन पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। सीमित उम्र में ही इतनी उपलब्धियाँ हासिल करने पर स्कूल प्रशासन ने उन्हें बधाई दी है।
उनके पिता भुवन रिखाड़ी को भी योग रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया, जो परिवार में प्रेरणा और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
छोटी आयु में ही चुनौतीपूर्ण योग मुद्राओं के भव्य प्रदर्शन ने हर्षिका को उत्तराखंड और पूरे भारत में पहचान दिलाई है। योग और जिम्नास्टिक दोनों में उनका झुकाव और लगन भविष्य में उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँचा सकती है।














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